घोटकराजः क्षिप्रं धावति । धावनसमये किमापि न खादति । (संस्कृत को हिन्दी में लिखें!
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घोटकराजः क्षिप्रं धावति। धावनसमये किमापि न खादति।
हिन्दी अनुवाद : घोड़ा राजा तेज़ दौड़ रहा है। दौड़ते समय वह कुछ भी नहीं खा रहा है।
धेनुः प्रातर्यच्छति दुग्धम्। शुद्धं स्वच्छं मधुरं स्निग्धम् । गहने विपिने व्याघ्रो गर्जति। उच्चैस्तत्र च सिंहः नर्दति।
हिंदी अनुवाद : प्रात: काल में गाय दूध देती है। जो शुद्ध, स्वच्छ, मधुर तथा चिकना होता है। घने वन में बाघ गर्जता है और वहाँ सिंह जोर से दहाड़ता है।
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