घ. दिन जल्दी जल्दी ढलता है कविता के आधार पर चिडिया के परों में चंचलता और कवि के पदों में शिथिलता के
कारणों पर प्रकाश डालते हुए कविता के प्रतिपाद्य को स्पष्ट कीजिए।
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दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता डॉ हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखी गई है| दिन जल्दी-जल्दी ढलता है कविता में कवि ने समय जल्दी गुजर जाने का वर्णन किया है| किस प्रकार मनुष्य समय पर अपने कार्यों को पूरा नहीं करता है|
कविता में कवि ने में बताया है चिड़िया सुबह जागते ही अपने बच्चों को घोंसलें में छोड़ कर चली जाती है| वह उनके लिए भोजन की तालाश में एक स्थान से दूसरे स्थान में भोजन के लिए जाती है| बच्चे घोंसलें से बहार झांक-झांक कर अपने माता की रह देखते है कब वह भोजन लेकर आएगी| चिड़िया जल्दी अपने पंखो की गति को बढ़ाती है | तेज़ उड़ कर पहुंचने की कोशिश करती है , कार्य पूरा न हो और दिन ढल न जाए| मुझे रात रास्ते में न हो जाए|
थके होने के कारण भी अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए और जल्दी-जल्दी करने की कोशिश करते है| अपने गति और बढ़ाते है|
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