Hindi, asked by yadavsudhanshu231, 8 days ago

घ. यदि हम मानव बनकर जीना सीखेंगे तो हमें क्या लाभ होगा?
Class 8
Book name- Niharika​

Answers

Answered by akarvind2484
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Answer:

Question 1:

(क) गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

(ख) वे बाल चित्रकला प्रतियोगति क्यों करना चाहते थे?

(ग) केशव शंकर पिल्लै ने बच्चों के लिए विश्वभर की चुनी हुई गुड़ियों का संग्रह क्यों किया?

(घ) केशव शंकर पिल्लै हर वर्ष छुट्टियों में कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देकर क्या करना चाहते थे?

ANSWER:

(क) गुड़ियों के संग्रह में केशव शंकर पिल्लै को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक तो गुड़ियाँ मंहगी थीं। उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में उसके खराब होने का डर था और फिर संग्रह करने के लिए जगह जहाँ उन्हें सुरक्षित रखा जा सके उसे ढूँढ़ना भी मुश्किल हो रहा था।

(ख) वे बाल चित्रकला प्रतियोगिता बच्चों की खुशी के लिए कराते थे। वे सोचते थे कि बच्चे क्यों उपेक्षित रह जाए। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे।

(ग) केशव शंकर पिल्लै ने गुड़ियों का संग्रह भारतीय बच्चों के लिए किया ताकि जो बच्चे विदेशी गुड़ियाँ नहीं देख या खरीद सकते, वे उन्हें यहाँ देख लें। इसके साथ ही देश विदेश की जानकारी उन्हें मिल सके।

(घ) यह कैंप लगाकर वह बच्चों का विकास करना चाहते थे।

Question 2:

केशव ने कार्टून बनाना, गुड़ियों व पुस्तकों का संग्रह करना, पत्रिका में लिखना व पत्रिका निकालना, बाल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन व बच्चों का सम्मेलन कराना जैसे तरह-तरह के काम किए। उनको किसी एक काम के लिए भी तरह-तरह के काम करने पड़े होंगे। अब बताओ कि–

(क) कार्टून बनाने के लिए उन्हें कौन-कौन से काम करने पड़े होंगे?

(ख) बच्चों के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता कराने के लिए क्या-क्या करना पड़ा होगा?

(ग) केशव शंकर पिल्लै की तरह कुछ और भी लोग हुए हैं जिन्होंने तरह-तरह के काम करके काफी नाम कमाया। तुम्हारी पसंद के वो कौन-कौन लोग हो सकते हैं? तुम उनमें से कुछ के नाम लिखो और उन्होंने जो कुछ विशेष काम किए हैं उनके नाम के आगे उसका भी उल्लेख करो।

ANSWER:

(क) कार्टून बनाने के लिए उन्होंने चित्रकारी सीखी होगी। फिर तरह-तरह के थीम तैयार किए होंगे। कहानी के पात्रों को कार्टून में बनाया गया होगा।

(ख) सबसे पहले एक नोटिस सब जगह भेजा होगा या अखबार में निकलवाया होगा। एक मैदान का इतंजाम किया होगा। फिर कुछ अच्छे चित्रकार जो उनकी चित्रकला को जाँच सके, उनका इतंजाम किया होगा। बच्चों के बैठने का प्रबन्ध भी किया होगा। कुछ विषय जिन पर बच्चे चित्रकला बना सके उस पर सोच-विचार किया होगा। बच्चों के लिए कुछ पुरस्कार आदि का प्रबंध करना पड़ा होगा।

(ग) केशव शंकर पिल्लै की तरह कुछ अन्य लोग भी हैं जिन्होंने समाज के विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाएँ। वे इस प्रकार हैं–

(i) डॉ. किरण बेदी –डॉ. किरण बेदी भारत की प्रथम महिला वरिष्ट अधिकारी रह चुकी हैं। इन्होंने समाज में स्त्रियों की दशा सुधारने में काफ़ी योगदान दिया।

(ii) मदर टेरसा –इन्होंने मिशनरीज़ आफ चेरिटी नामक एक संस्था का निर्माण किया जिसमें गरीब, अनाथ और बीमार लोगों की देख-रेख की जाती है।

Question 3:

तुमने इस पाठ में गुड़ियाघर के बारे में पढ़ा। पता करो कि 'चिड़ियाघर', 'सिनेमाघर' और 'किताबघर' कौन और क्यों बनवाता है? तुम इनमें से अपनी पसंद के किसी एक घर के बारे में बताओ जहाँ तुम्हें जाना बेहद पसंद हो।

ANSWER:

मुझे चिड़ियाघर और किताबघर जाना अच्छा लगता है। चिड़िया घर –सरकार बनवाती है। किताबघर –केशव शंकर पिल्लै ने बनाया। अब इसे सरकार चलाती है। सिनेमाघर सरकार की अनुमति से कोई भी बना सकता है।

Question 4:

आमतौर पर लोग अपनी मनपसंद, महत्वपूर्ण और आवश्यक चीज़ों का संग्रह करते हैं। नीचे कुछ चीज़ों के नाम दिए गए हैं। जैसे-

(क) डाक-टिकट

(ख) पुराने सिक्के

(ग) गुड़िया

(घ) महत्वपूर्ण पुस्तकें

(ङ) चित्र

(च) महत्वपूर्ण व्यक्तियों के हस्तलेख

इसके अतिरिक्त भी तुम्हारे आसपास कुछ चीज़ें होती हैं जिसे लोग बेकार या अनुपयोगी समझकर कूड़ेदान या अन्य उपयुक्त जगह पर रख या फेंक देते हैं।

(क) तुम पता करो यदि उसका भी कोई संग्रह करता है तो क्यों?

(ख) उसका संग्रह करने वालों को क्या परेशानियाँ होती होंगी?

(इनके उत्तर के लिए तुम बड़ों की सहायता ले सकते हो।)

ANSWER:

(क) कुछ तस्वीरें, मूर्तियाँ, पुराने बर्तनों को लोग अनुपयोगी समझकर कूड़ेदान या अन्य जगह पर रख या फेंक देते हैं। ये सब पुरातत्व संग्राहालय में काम आ जाते हैं।

(ख) उनको संग्रह करने में उसे इकट्ठा करके रखना व उनकी सम्भाल करना कठिन होता है। इसके लिए एक पूरा स्थान चाहिए, जिसका बंदोबस्त करना कठिन होता है।

Question 5:

"अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा में होकर बी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इकट्ठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी। वे रंग, भाषा या जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।"

ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि–

(क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?

(ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हो तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है?

ANSWER:

(क) यह 1950 के 'शंकर्स वीकली' के बाल विशेषांक में श्री जवाहर लाल नेहरू ने लिखा था। शंकर पिल्लै का विचार था कि बच्चों के हित के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता रखी जाए जिससे देश विदेश के बच्चे आपस में मिले। यह विचार नेहरू जी को पसंद आया तभी उन्होंने ऐसा लिखा।

(ख) लड़ाई भी खेल हो सकती है, जिसे हम प्रतियोगिता का नाम देते हैं। इसमें कोई भी प्रतियोगिता हो सकती है। इस प्रकार के खेल या प्रतियोगिता में एक दूसरे से बेहतरीन प्रदर्शन करना ही मुख्य होता है।

Question 6:

केशव शंकर पिल्लै बच्चों के लिए सुबह से शाम तक काम में लगे रहते थे। तुम सुबह से शाम तक कौन-कौन से काम करना चाहोगे? नीचे उपयुक्त जगह में अपनी पसंद के काम को भी लिखो और सही (✓) का निशान लगाओ। तुम उसका कारण भी बताओ।

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