Hindi, asked by khamchandchoudhury, 22 days ago

घहरे घन घनघोर बढ़ी पंक्ती मे कोनसा अलकर है​

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Answered by sparklingbolt
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Answer:

Anuprash

Explanation:

घ baar baar repeat ho rha h

Answered by bhatiamona
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घहरे घन घनघोर बढ़ी पंक्ति  में कौन सा अलंकार है?

घहरे घन घनघोर बढ़ी पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है |

पंक्ति में 'घ' वर्ण की तीन बार आवृत्ति हुई है इसलिए इसमें अनुप्रास अंलकार आएगा |

व्याख्या :

अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती   है,   वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है। इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है।

अनुप्रास अलंकार के उदाहरण

कर कानन कुंडल मोर पखा,

उर पे बनमाल बिराजति है।

मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला।

#SPJ2

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कुछ और जानें :

https://brainly.in/question/15728026

निम्नलिखित पंक्तियों मेंअलंकार पहचानकर लिखिए -

(क) मैं तुझे ले चला कनक, ज्यों भिक्षुक ले स्वर्ण झनक |

(ख)कायर,क्रूर,कपूत,कुचाली यों ही मर जाते हैं |

(ग)वह दीपशिखा-सी शांत भाव में लीन|

(घ)मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहो|

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तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाये पंक्ति में कौन सा रस है

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