घमंद और समझ के बिच संवाद लेखन
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दो मित्र परीक्षा देकर परीक्षा कक्ष से बाहर निकले हैं। उनके मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
अनिल- अरे विजय! तुम्हारा पेपर कैसा हुआ?
विजय- पहले तुम बताओ कि तुम्हारा पेपर कैसा हुआ?
अनिल- मेरा पेपर अच्छा हुआ। मुझे सारे सवाल आते थे। अब, तुम बताओ।
विजय- क्या बताऊँ? मेरा गणित विषय का पेपर कभी अच्छा होता ही नहीं।
अनिल- क्यों? प्रश्न-पत्र तो आसान था।
विजय- पता नहीं। मुझे गणित विषय से बहुत डर लगता है।
अनिल- तुम गणित को समझ कर नियमित अभ्यास किया करो। फिर देखना, तुम्हारा सारा डर खुद ही दूर हो जाएगा।
विजय- क्या इस क्रम में तुम मेरी सहायता करोगे?
अनिल- यह भी कोई कहने की बात है? मैं तुम्हारी हर संभव सहायता करूँगा।
विजय- तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद।
Answer:
समझ-ऐसी कौन-सी बात है जो मेरी समझ में नहीं आती। ऐंठ-समझ तेरी समझ में यह नहीं आता कि यदि मनुष्य सुंदर हो, धनवान हो, समाज में ऊँचा स्थान रखता हो तो उसे अपने ऊपर घमंड आ ही जाता है। समझ-नहीं! ऐंठ, कभी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सब तो क्षणभंगुर है कभी भी नष्ट हो सकता है।