Hindi, asked by Anonymous, 5 hours ago

Ghamandi Hathi 80 words in hindi​

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Answered by DamselAngel
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Answer:

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Explanation:

एक बार की बात है। किसी जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपने शरीर और अपनी ताकत का बहुत घमंड था। उसे रास्ते में जो भी जानवर मिलता, वो उसे परेशान करता और डरा कर भगा देता।एक दिन वह कहीं जा रहा था। रास्ते में उसने एक पेड़ पर एक तोते को बैठा देखा और उससे अपने सामने झुकने के लिए बोला।

तोते ने झुकने से मना कर दिया, तो गुस्से में आकर हाथी ने वो पेड़ ही उखाड़ दिया, जिस पर तोता बैठा था। तोता उड़ गया और हाथी उसे देख कर हंसने लगा

एक बार की बात है। किसी जंगल में एक हाथी रहता था। उसे अपने शरीर और अपनी ताकत का बहुत घमंड था। उसे रास्ते में जो भी जानवर मिलता, वो उसे परेशान करता और डरा कर भगा देता।

एक दिन वह कहीं जा रहा था। रास्ते में उसने एक पेड़ पर एक तोते को बैठा देखा और उससे अपने सामने झुकने के लिए बोला।

तोते ने झुकने से मना कर दिया, तो गुस्से में आकर हाथी ने वो पेड़ ही उखाड़ दिया, जिस पर तोता बैठा था। तोता उड़ गया और हाथी उसे देख कर हंसने लगा।

फिर एक दिन हाथी नदी के किनारे पानी पीने के लिए गया। वहीं पर चींटियों का छोटा-सा घर था।

एक चींटी बड़ी मेहनत से अपने लिए खाना इकट्ठा कर रही थी। यह देख हाथी ने पूछा कि तुम क्या कर रही हो, तो चींटी ने कहा कि बरसात का मौसम आने से पहले अपने लिए भोजन जमा कर रहीं हूं, ताकि बारिश का मौसम बिना किसी परेशानी से निकल जाए। यह सुन कर हाथी के मन में शरारत सूझी और उसने अपनी सूंड़ में पानी भर कर चींटी के ऊपर डाल दिया।

पानी से चींटी का भोजन खराब हो गया और वो पूरी भीग गई। यह देखकर चींटी को बहुत गुस्सा आया और उसने घमंडी हाथी को सबक सिखाने का सोचा। फिर एक दिन चींटी को मौका मिल ही गया कि वो हाथी को सबक सिखा सके। हाथी भोजन करके हरी घास पर सो रहा था।चींटी सोते हुए हाथी की सूंड़ में घुस गई और अंदर से उसे काटने लगी। जैसे ही चींटी ने हाथी को काटा, हाथी दर्द के मारे जोर जोर से रोने लगा और मदद के लिए पुकारने लगा।

चींटी ने हाथी के रोने की आवाज सुनी और सूंड़ से बाहर निकल आई। हाथी उसे देख कर डर गया और अपने किए की माफी मांगी। जब चींटी को महसूस हुआ कि हाथी को अपनी गलती का अहसास हो गया है, तो उसने हाथी को माफ कर दिया। हाथी अब बिलकुल बदल गया और उसने वादा किया कि अब वो किसी को नहीं सताएगा और दूसरों की मदद करेगा।

Answered by kpnaidu3006
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एक जंगल में चींटियों का झुंड रहता था, उसकी रानी बहुत मेहनती थी. सुबह-सुबह ही वो अपनी टोली के साथ खाने की तलाश में निकल पड़ती. इसी जंगल में एक घमंडी हाथी भी रहता था. वो जंगल में सभी जानवरों को परेशान करता था. कभी गंदे नाले से सूंड़ में पानी भरकर उन पर फेंक देता, तो कभी अपनी ताक़त का प्रदर्शन करके उन्हें डराता.

उस हाथी को इन चींटियों से बड़ी ईर्ष्या होती थी. वो उन्हें जब भी देखता, तो पैरों से कुचल देता. एक दिन चींटी रानी से हाथी से विनम्रता से पूछा कि आप दूसरों को क्यों परेशान करते हो? यह आदत अच्छी नहीं है.

यह सुनकर हाथी क्रोधित हो गया और उसने चींटी को धमकाया कि तुम अभी बहुत छोटी हो, अपनी ज़ुबान पर लगाम लगाकर रखो, मुझे मत सिखाओ कि क्या सही है, क्या ग़लत वरना तुम्हें भी कुचल दूंगा.

यह सुन चींटी निराश हुई, लेकिन उसने मन ही मन हाथी को सब सिखाने की ठानी. चींटी पास ही एक झाड़ी में छिप गई और मौक़ा देखते ही चुपके से हाथी की सूंड़ में घुस गई. फिर उसने हाथी को काटना शुरु कर दिया. हाथी परेशान हो उठा. उसने सूंड़ को ज़ोर-ज़ोर से हिलाया, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ. हाथी दर्द से कराहने और रोने लगा. यह देख चींटी ने कहा कि हाथी भइया, आप दूसरों को परेशान करते हो, तो बड़ा मज़ा लेते हो, तो अब ख़ुद क्यों परेशान हो रहे हो?

हाथी को अपनी ग़लती का एहसास हो गया और उसने चींटी से माफ़ी मांगी कि आगे से वो कभी किसी को नहीं सताएगा.

चींटी को उस पर दया आ गई. वो बाहर आकर बोली कि कभी किसी को छोटा और कमज़ोर नहीं समझना चाहिए.

यह सुन हाथी बोला कि मुझे सबक मिल चुका है. मुझे अच्छी सीख दी तुमने. अब हम सब मिलकर रहेंगे और कोई किसी को परेशान नहीं करेगा.

सीख: घमंडी का सिर सदा नीचे होता है. कभी किसी को कमज़ोर और छोटा न समझें. दूसरों के दर्द व तकलीफ़ को समझना ही जीने का सही तरीक़ा है.

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