घनानंद सूजन को क्या उलाहना देते हैं
Answers
Answered by
1
Answer:
कवि घनानन्द अपनी प्रेयसी सुजान के रूखेपन से व्याकुल हो उसे उलाहना देते हुए कहते हैं कि पहले तो तुमने मेरे मन (हृदय) को ले लिया (चुरा लिया) और अब हँसकर मेरा और मेरे प्रेम का मजाक बनाती हो। तुम अपने नेत्रों को टेढ़ा करके तथा प्रेम का प्रतिदान न करके उसे अस्वीकार करती हो।
can you thanks
Answered by
0
Answer:
कवि घनानन्द अपनी प्रेयसी सुजान के रूखेपन से व्याकुल हो उसे उलाहना देते हुए कहते हैं कि पहले तो तुमने मेरे मन (हृदय) को ले लिया (चुरा लिया) और अब हँसकर मेरा और मेरे प्रेम का मजाक बनाती हो। तुम अपने नेत्रों को टेढ़ा करके तथा प्रेम का प्रतिदान न करके उसे अस्वीकार करती हो।
Similar questions