Math, asked by deepanshulodhi, 1 year ago

ghanab Ka chetrafal Kaise nikalte Hain

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Answered by vikram991
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कोना:
किसी भी घन या घनाभ में आठ कोने होते हैं, जिनमें से सात दिखाई देते हैं और एक कोना दिखाई नहीं देता है अर्थात् छुपा होता है।
किनारा:
किसी भी घन या घनाभ में बारह किनारे होते हैं, जिनमें से नौ दिखाई देते हैं और तीन किनारे दिखाई नहीं देते हैं अर्थात् छुपे होते हैं।
घन को काटना:
यह एक साधारण-सी बात है कि किसी लकड़ी या छड़ को दो बराबर भागोंमें काटना हो, तो हम उसे एक बार काटते हैं। इसी प्रकार, लकड़ी या छड़ को तीन बराबर भागों में काटना हो, तो दो बार, चार बराबर भागों में काटना हो, तो तीन बार; पाँच बराबर भागों में काटना हो, तो चार बार, ……… और आगे भी इसी प्रकार से काटते हैं। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि लकड़ी या छड़ को जितने बराबर भागों मे काटना हो, उससे एक बार कम काटते हैं। अर्थात् किसी लकड़ी या छड़ को n बराबर भागों मेंकाटना हो, तो उसे हम (n – 1) बार काटते हैं। उपरोक्त बातों को निम्न आकृतियों द्वारा दर्शाया गया है-
लकड़ी या छड़ की तरह ही घन को भी काटा जा सकता है। यदि किसी 8 सेमी भुजा वाले घन को 2 सेमी भुजा वाले छोटे-छोटे घनों में काटना हो, तो प्रत्येक सतह के n = = 4 खण्ड होंगे और चार खण्डों में विभक्त करने के लिए घन को तीनों ओर से n – 1 = 4 – 1 = 3 बार काटना होगा। इस बात को निम्न आकृति द्वारा दर्शाया गया है-घन एक तीन आयामी आकृति होती है जो केवल वर्गों द्वारा ही बनाये जा सकता है। वर्ग को जब इसकी एक भुजा के बारबार ऊँचाई दीं ज़ाती है तो यह एक घन बन जाता है।
एक घन मे हम पाते हैं :
लम्बाई = चौड़ाई = ऊंचाई
कुल छह सतह
कुल बारह किनारे
कुल आठ कोने
घनाभ:
ऐसी त्रिआयामी आकृति/वरतु जिसकी लम्बाई, चौड़ाई से अधिक हो और उँचाई, चौड़ाई से कम हो, ऐसी आकृति या वस्तु को घनाभ कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि ऐसी त्रिआयामी आकृति/वस्तु जिसकी – लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई तीनों असमान हों, ऐसी आकृति या वस्तु को घनाभ कहते हैं। जैसे-माचिस की डिबिया।
सतह या फलक:
किसी भी घन या घनाभ में छ: सतहें (फलकें) होती हैं, जिनमें से तीन सतहें दिखाई देती हैं और तीन सतहें दिखाई नहीं देती हैं अर्थात् छुपी होती हैंii) 27 छोटे घनों में परिवर्तित करना हो, तो सबसे पहले 27 का घनमूल निकालते हैं, जैसे- = 3 इस प्रकार हमें घनमूल 3 प्राप्त होता है अर्थात् घन को तीनों ओर से दो-दो बार काटने पर हमें छोटे-छोटे 27 बराबर घन प्राप्त हो जाएँगे। इस प्रकार हम देखते हैं कि किसी भी घन के जितने टुकड़े करने हों, उससे एक कम काटने पर उतने टुकड़े प्राप्त हो जाते हैं।यदि किसी घन को बराबर आयतन वाले N छोटे घनों में इस प्रकारविभाजित किया जाए कि उसकी प्रत्येक भुजा अर्थात् प्रत्येक कोर n भागों में विभाजित हो जाए, तो विभाजन के बाद प्राप्त कुल छोटे घनों की संख्या
N = n3 होगी| जहाँ n =
यदि किसी घन की भुजा 2 सेमी हो तथा इसे 1 सेमी भुजा वाले छोटे घनोंमें विभाजित करना या काटना हो, तो घन की प्रत्येक भुजा (कोर) n = = 2 भागों में विभाजित हो जाएगी तथा विभाजन के बाद n3 = (2)3 = 8 छोटे घन प्राप्त होंगे।
इसी प्रकार, यदि घन की भुजा 3 सेमी हो तथा इसे 1 सेमी भुजा वाले छोटे घनों में विभाजित करना या काटना हो, तो घन की प्रत्येक भुजा (कोर) n = = 3 भागों में विभाजित हो जाएगी तथा विभाजन के बाद n3 = (3)3 = 27 छोटे घन प्राप्त होंगे।
यदि एक ठोस घन दिया गया हो और उसे कुछ निश्चित छोटे घनों की संख्या जैसे- 8,27,64,125,……… में परिवर्तित करना हो, तो इसे निम्न प्रकार से ज्ञात करेंगे-
(i) 8 छोटे घनों में परिवर्तित करना हो, तो सबसे पहले 8 का घनमूल निकालते हैं, जैसे- = 2 इस प्रकार हमें घनमूल 2 प्राप्त होता है अर्थात् घन को तीनों ओर से एक-एक बार काटने पर हमें छोटे-छोटे 8 बराबर घन प्राप्त हो जाएँगे।जहाँ S =शीर्ष घन (Vertex cube), M = मध्य घन (Middle cube), C = केन्द्रीय घन (Central cube), N = अन्त: केन्द्रीय घन (Inner central cube)

vikram991: फार्मूला पड़ें: एक वृत्त/चक्र का क्षेत्रफल खोजने के लिए फार्मूला हैक्षेत्रफल (area)= πr 2 (r squared)
vikram991: रेडियस को स्केवर करने के लिए उसे स्वयं से गुणा कर दें: उदाहरण के लिए, अगर आपका रेडियस 6 सेंटीमीटर था, तो रेडियस स्केवरड 36 सेंटीमीटर स्केव
vikram991: रेडियस की लंबाई की गणना करें: अगर आपको केवल व्यास (diameter या चक्र के एक ओर से दूसरे तक की दूरी) का पता है (या उसे मापा है), तो रेडियस प्राप्त करने के लिए उसे 2 से विभाजित करें। एक सामान्य वृत्त/चक्र का रेडियस हमेशा व्यास का आधा होता है।
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