Ghane badalom ka Karan Apne shabdom Me kijiye
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बादल पानी की छोटी बूंदों और बर्फ के क्रिस्टल का संघटन होता है। महासागरों और नदियों का जल भाप बनकर आसमान में उड़ता है। सूर्य की अत्यधिक गर्मी के कारण जल भाप में बदल जाता है। यह भापित जल धूल के कणो के साथ मिलकर बादल का रूप ले लेता है। बादलों में जल की छोटी छोटी बूंदे होती है। बारिश के बादलों को काली घटाए भी कहते है। सूर्य का प्रकाश भी इन घने बादलों के पार नही जा पाता है। जब बादल आसमान को अपनी घटाओं से ढक लेते है, तब मौसम हल्का अंधकारमय हो जाता है। बादल अलग अलग रंगों के होते है। ये काले, लाल, भूरे और सफेद रंग के हो सकते है। जब बादलों पर सूर्य की सीधी रोशनी पड़ती है, तब बादल का रंग सफेद होता है। बारिश के बादल हल्के या गहरे काले होते है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बादलों का रंग लाल होता है।
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जब पानी की बूंदे वास्प बनकर हवा में
उड़ने लगती है जिन्हें हम वाष्पीकरण कहते हैं। वास्प बहुत ही हल्का होता है जिस कारण से वहआसानी से हवा में उड़कर आसमान में चले जाती है। हवा में मौजूद मिट्टी के छोटे-छोटे कण जमा होकर संगठित हो जाते हैं और यह एक बादल का रूप ले लेता है। हवा में मौजूद कई तरह के गैस कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण बादल काला और घना दिखता है जब हवा संगठित वास का भार नहीं सह पाती है तब वर्षा होती है