Music, asked by pmgwalmailcom3061, 11 months ago

Ghanta Kaisa h gano me Teko Kaisa laga

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Answered by Gopalsethi202
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Explanation:

जागरण संवाददाता, उन्नाव : निदेशक पंचायती ने स्वच्छता मिशन की परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए अवकाश के दिनों को छोड़कर उन्होंने सफाई कर्मियों को सात घंटा गांव में रहना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए जाड़ा और गर्मी के अनुसार समय भी निर्धारित कर दिया है लेकिन उसके बाद भी इस पर अमल नहीं किया जा रहा है। जिससे गांव नर्क बने हैं संक्रामक रोगों का खतरा ग्रामीणों के सिर पर मंडरा रहा है। तमाम तो ऐसे भी हैं जो गांव न जाकर साहब की जी हजूरी में लगे हैं। शिकायतों और ग्राम प्रधानों के तमाम विरोध के बाद भी अफसर उन पर मेहरबान हैं।

पंचायती राज निदेशक विजय किरन आनंद ने गत माह स्वच्छता अभियान को साकार रूप देने और गांवों में सफाई कर्मचारियों के न पहुंचने की आम शिकायतों को गंभीरता से लिया था। उन्होंने निर्देश जारी किया था कि सफाई कर्मियों को अवकाश का दिन छोड़ अन्य दिनों में सात घंटे गांव में रहकर सफाई कार्य करना होगा। सार्वजनिक स्थानों पर उनका नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। उनका हाजिरी रजिस्टर भी होगा जिस पर प्रतिदिन हस्ताक्षर करने होंगे। व्यवस्था का आकलन करने के लिए ब्लाक और जिला स्तरीय अधिकारियों से क्रास चेक कराया जाएगा। निदेशक के इस आदेश के बाद उम्मीद बंधी थी कि सफाई कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। आदेश जारी हुए लगभग 20 दिन से अधिक बीत चुका हैं लेकिन अभी तक कहीं प्रभावी नहीं नजर आ रहा है।

मौसम के अनुसार समय निर्धारित

निदेशक पंचायतीराज ने सफाई कर्मचारियों को गांव में सात घंटे रहने का आदेश जारी करते हुए मौसम के अनुसार समय भी तय कर दिया है। गर्मी के दिनों में प्रात: 7 से 2 बजे और सर्दी में 8 से 3 बजे तक उन्हें गांव में रहना होगा।

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