ghar par kavita in hindi
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Explanation:
घर में जो बड़ा होता है,वो सबके साथ खड़ा होता है,जो आलसी होता हैवो बिस्तर पर पड़ा होता है.तनाव लेने वाले काबाल झड़ा होता है,इसके हर काम मेंकोई बवाल खड़ा होता है.
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घर परिवार
आज के इस आधुनिक दौर में लोग अपनों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं,घर परिवार टुटता जा रहा है। एक संयुक्त परिवार के पढे लिखे लोग भी कुछ तुछ्य स्वार्थ व अहंकार के वश में होकर अपनों से दुर होते जा रहे है। इसी संदर्भ में पेश है खोदावन्दपुर के रविश बेगुसराय की ये कविता…….
एक छोटा सा बच्चा जो अपने परिवार की ऐसी हालात देखकर काफी व्यथित है,उसे यह एहसास हो रहा है अगर ऐसा ही रहा तो उसका भी घर टुट जाएगा।इसलिए वो खुद को शिष्टाचार की गरिमा में रखते हुए अपने बड़े-बुढ़ों को समझाने की कोशिश करता है।
सबसे पहले उनसे आशिर्वाद हेतु अर्ज करता है——–
बुलंदी को छू लेंगे हम …..
खुशहाली के हर एक द्वार ।।
हाथ सिर पर हों अगर आप के…
होंगे सारे सपने साकार ।।
पूरे समाज में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!१!!
……………………….
फिर उन्हें घर की पुरानी शानो-शोहरत याद दिलाती है——
लोग उदाहरण दिया करते थे ….
जब परिवार की बात करते थे ।।
इच्छा तो है हर दिल की ये…..
बना रहे सदा वही आधार ।।
सभ्यता शालीनता और संस्कार…
यही है अपना घर परिवार !!!!!२!!
…………………………
फिर वो याद कराता है कि अभी भी उसके अंदर वंश के खून की वही इज्जत है—-
सम्मान वही है जज्बात वही है….
हर अपनो का अधिकार वही है ।।
उम्मीद आपसे मार्ग प्रशस्त करने का ..
खोते हैं हम सारे विकार ।।
एकजुटता में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!३!!
…………………………
अब वो उन्हे आज के उनके परिवारिक माहौल को दिखा रहा है और उसे रोकने का,बिखरने से बचाने का पुरजोर कोशिश कर रहा है——
आज हकीकत ऐसी बनी है….
अपनों की ऐंठ अपनों को लगी है ।।
मत होने दो ऐसी गलतियां ….
करता है यह ‘रवि’ पुकार ।।
अभी समय है रोक लो देवा …..
बचा लो अपना घर परिवार !!!!!४!!
……………………….
यहाँ वो अपनी बेबसी प्रकट कर रहा है और उन बड़ों को एकजुटता हेतु कुछ प्रयास करने का आह्वान कर रहा है—-
हम तो कली हैं आपके बगिया के…
अभी समय है उसे खिलने में ।।
आप सुमन हो सुगंध फैलाओ….
प्रयास करो तुम नाना प्रकार ।।
बस उजरने से बच जाए …….
हरा भरा यह घर परिवार !!!!!५!!
………………………….
और अंत में वह कहता है कि अगर हम दिल से एक हो जायें तो कैसा लगेगा अपना परिवार——
आज संकल्प हम करते हैं …..
सबको साथ ले चलते हैं ।।
इज्जत शोहरत और विद्वता ….
का होगा अब सपना साकार ।।
पूरे समाज में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!६!!
………………………….
Hello dear this is to long you skip few lines ok
आज के इस आधुनिक दौर में लोग अपनों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं,घर परिवार टुटता जा रहा है। एक संयुक्त परिवार के पढे लिखे लोग भी कुछ तुछ्य स्वार्थ व अहंकार के वश में होकर अपनों से दुर होते जा रहे है। इसी संदर्भ में पेश है खोदावन्दपुर के रविश बेगुसराय की ये कविता…….
एक छोटा सा बच्चा जो अपने परिवार की ऐसी हालात देखकर काफी व्यथित है,उसे यह एहसास हो रहा है अगर ऐसा ही रहा तो उसका भी घर टुट जाएगा।इसलिए वो खुद को शिष्टाचार की गरिमा में रखते हुए अपने बड़े-बुढ़ों को समझाने की कोशिश करता है।
सबसे पहले उनसे आशिर्वाद हेतु अर्ज करता है——–
बुलंदी को छू लेंगे हम …..
खुशहाली के हर एक द्वार ।।
हाथ सिर पर हों अगर आप के…
होंगे सारे सपने साकार ।।
पूरे समाज में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!१!!
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फिर उन्हें घर की पुरानी शानो-शोहरत याद दिलाती है——
लोग उदाहरण दिया करते थे ….
जब परिवार की बात करते थे ।।
इच्छा तो है हर दिल की ये…..
बना रहे सदा वही आधार ।।
सभ्यता शालीनता और संस्कार…
यही है अपना घर परिवार !!!!!२!!
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फिर वो याद कराता है कि अभी भी उसके अंदर वंश के खून की वही इज्जत है—-
सम्मान वही है जज्बात वही है….
हर अपनो का अधिकार वही है ।।
उम्मीद आपसे मार्ग प्रशस्त करने का ..
खोते हैं हम सारे विकार ।।
एकजुटता में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!३!!
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अब वो उन्हे आज के उनके परिवारिक माहौल को दिखा रहा है और उसे रोकने का,बिखरने से बचाने का पुरजोर कोशिश कर रहा है——
आज हकीकत ऐसी बनी है….
अपनों की ऐंठ अपनों को लगी है ।।
मत होने दो ऐसी गलतियां ….
करता है यह ‘रवि’ पुकार ।।
अभी समय है रोक लो देवा …..
बचा लो अपना घर परिवार !!!!!४!!
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यहाँ वो अपनी बेबसी प्रकट कर रहा है और उन बड़ों को एकजुटता हेतु कुछ प्रयास करने का आह्वान कर रहा है—-
हम तो कली हैं आपके बगिया के…
अभी समय है उसे खिलने में ।।
आप सुमन हो सुगंध फैलाओ….
प्रयास करो तुम नाना प्रकार ।।
बस उजरने से बच जाए …….
हरा भरा यह घर परिवार !!!!!५!!
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और अंत में वह कहता है कि अगर हम दिल से एक हो जायें तो कैसा लगेगा अपना परिवार——
आज संकल्प हम करते हैं …..
सबको साथ ले चलते हैं ।।
इज्जत शोहरत और विद्वता ….
का होगा अब सपना साकार ।।
पूरे समाज में सबसे आगे …..
रहेगा अपना घर परिवार !!!!!६!!
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