Hindi, asked by snehafeb96, 6 months ago

घर छोड़ने पर क्यों झिझकना नहीं चाहिए?(एक बूंद कविता)​
please answer

Answers

Answered by VaidehiKolhe
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Explanation:

इस कविता से कवि ने जीवन की सच्चाई और एक संदेश दर्शाया है। अगर अगर बूंद बादल में ही रहती तो बादल के संसार से कुछ भी नहीं देख पाती और उससे कुछ आगे बढ़ कर जान नहीं पाती। बस उसी में अपना सारा जीवन यापन करती और उसे जीवन का महत्व नहीं समझता। बूंद को कुछ करने के लिए बादल को छोड़कर जाना ही था। घर से निकलने के साथ ही डर और बाधाएं प्रकट होगी जिस से लड़ना उसे सीखने को मिलेगा।यह जरूर है कि हर कोई बूंद से मोती ना बने पर मोती बनने के लिए बादलों से निकलकर मतलब अपने घर से निकल कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। इसलिए घर छोड़ने पर झिझक ना नहीं चाहिए । और यही बात कभी हमें सिखाना चाहते हैं अपनी इस कविता के माध्यम से ।

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