घर-घर के लिए नए एलईडी बल्ब का विज्ञापन -
ब्रांड का नाम - विशेषताएँ (कीमत, वारंटी, बिल
और बिजली की सालाना बचत आदि)- मिलने
का स्थान (फोन/वेबसाइट)
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नई दिल्ली: देश की सड़कों पर अब तक एक करोड़ एलईडी बल्ब लागए जा चुके हैं. बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने यह जानकारी दी. इससे बिजली की काफी बचत हो रही है. सरकार एलईडी बल्ब का इस्तेमाल बढ़ाना चाहती है.
एलईडी बल्ब की संख्या 1.34 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य
सिंह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य मार्च 2020 तक एलईडी बल्ब की संख्या 1.34 करोड़ पहुंचाने का है. उन्होंने इस हफ्ते यहां एक कार्यक्रम में रिमोट का बटन दबाकर एक करोड़वें एलईडी स्ट्रीट लाइट को देश को समर्पित किया. 'स्ट्रीट लाइट नेशनल प्रोग्राम' (एसएलएनपी) के तहत अब तक देश के विभिन्न भागों में एक करोड़ एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाये गये हैं. इससे 6.71 अरब यूनिट बिजली की बचत और व्यस्त समय में बढ़ने वाली बिजली की मांग में 1,119.40 मेगावाट की कमी आएगी.
सालाना 46.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी
एलईडी बल्ब के इस्तेमाल से 46.3 लाख टन सालाना कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी. बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनर्जी इफीशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन कर रही है. सिंह ने यह भी कहा कि सड़कों पर लगी एलईडी लाइट से 2.7 लाख किलोमीटर सड़क रोशन हुई. इस कार्यक्रम के तहत मार्च 2020 तक 1.34 करोड़ परंपरागत स्ट्रीट लाइट की जगह स्मार्ट एलईडी लाइट लगाने का लक्ष्य है.
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देशभर में सड़कों पर लगाई जाएंगी 3 करोड़ से ज्यादा एलईडी
ईईएसएल की अगले 4-5 साल में इस क्षेत्र में 8,000 करोड़ रुपये निवेश लाने की योजना है. इसके तहत देशभर में 3 करोड़ से अधिक एलईडी स्ट्रीट लाइट लगायी जाएंगी. बिजली मंत्री सिंह ने कहा, ''सतत भविष्य की परिकल्पना को साकार करने के प्रयासों में ऊर्जा दक्षता और संरक्षण महत्वपूर्ण है. आज हम अत्यंत गर्व के साथ एक करोड़ स्मार्ट और ऊर्जा दक्ष एलईडी स्ट्रीट लाइट भारत के लोगों को समर्पित कर रहे हैं. यह देश के ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में एक अहम पड़ाव है.''
आंध्र प्रदेश पहले पायदान पर
एसएलएनपी को लागू करने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश 28.9 लाख एलईडी स्ट्रीट लाइट के साथ सबसे आगे चल रहा है. इसके बाद 10.3 लाख एलईडी लाइट के साथ राजस्थान दूसरे और 9.3 लाख के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर रहा है. अब तक देश भर में 1,502 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) ने इस कार्यक्रम के तहत पंजीकरण किया है. इन निकायों में से 900 में काम पूरा किया जा चुका है.
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