Hindi, asked by shadabkazi1234567, 6 months ago

घर जाकर श्रीमती जी से कह दिया
एक दिन बाद पूर्णिमा भी थी। चाँदनी रात का मजा जुहू पर ही है। एक दिन पहले आधी रात से
"जुहू की तैयारी कर लो, हम दो दिन पूर्ण विश्राम करेंगे।"
ही उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। दो बजे का THबललग या स्वयं वह दो से पहले ही उठ बैठी
और कुछ नोट करने लगी।
श्रीमती जी ने इन सब कामों की सूची बनाकर मेरे हाथ में दी।
गैरेज में पहुँचकर श्रीमती जी ने मोटर में हवा भरने की पिचकारी, ट्यूब बाल, रबड़ सोल्यूशन, एक
गैलन इंजिन आयल आदि-आदि चीजें और भी लिखी थीं। दिन भर दौड़-धूप करके पायधुनी से मिस्त्री
लाया। सुबह से शाम हो गई मगर शाम तक चार में से दो खिड़कियों की चटखनियाँ भी नहीं कसी
मोटर के लिए जरूरी सामान लाते-लाते रात तक दिल की धड़कन दुगुनी हो गई थी।
रात को सोने लगे तो श्रीमती जी ने आश्वासन देते हुए कहा
कल जुहू पर दिन भर विश्राम लेंगे
तो थकावट दूर हो जाएगी।"
श्रीमती जी ने अपने करकमलों से घड़ी की धुंडी घुमाकर अलार्म लगा दिया और खुद बाहर जाकर
मोटर का पूरा मुआयना करके यह तसल्ली कर ली कि सूची में लिखा सब सामान आ गया या नहीं।
सुबह पाँच बजते ही अलार्म ने शोर मचाया।
visheshan khojkar likhiye

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Answered by mopatahi2013
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Explanation:

what is the question?

tell me

Answered by sandeep8june
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Answer:

विश्राम, तैयारी, सोने

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