Hindi, asked by jasminebakshi23, 8 months ago

घर का भेदी लंका ढाए पर कहानी​

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Answered by allorasharma
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Answer:

Explanation: आँखों से जब आँसू निकलते हैं तो व्यक्ति के मन का दु:ख प्रकट हो जाता है। इसी प्रकार जब किसी व्यक्ति को घर से निकाला जाता है तो दु:खी होकर अपने घर के रहस्य भी दूसरों पर प्रकट कर देता है। विभीषण के साथ रावण का अनुचित व्यवहार इसका प्रणाम है-

लंका का राजा रावण था जो कि बहुत अभिमानी था। उसका एक छोटा भाई विभीषण था जो रावण के गुणों के विपरीत सन्त स्वभाव का था। वह सदैव ईश्वर भक्ति में लीन रहता था।

लंकापति रावण छल से सीता जी को उठा कर लंका ले गया। विभीषण ने उसे समझाया कि उसने श्रेष्ठ काम नहीं किया और सीता को वापिस श्री राम जी को दे देने को कहा। परन्तु रावण ने उसकी बात अस्वीकार कर दी। फिर पवनपुत्र हनुमान के लंका जलाने पर विभीषण ने सीता जी को लौटा देने की प्रार्थना की। लंकापति रावण इससे क्रोधित हो गया और उसने विभीषण को भरी सभा में दण्डित करके लंका से बाहर कर दिया। दु:खी विभीषण श्री रामचन्द्र जी की शरण में गया और उसने लंका के सभी रहस्य श्री राम को बता दिए। लंका के रहस्य पाकर श्री रामचन्द्र जी ने लंका पर चढ़ाई कर दी। घमासान युद्ध हुआ। युद्ध में रावण के सगे सम्बन्धी मारे गए। अन्त में जब रावण मर नहीं रहा था तो विभीषण ने श्री राम को बताया कि इसकी नाभि में अमृत कुण्ड है और जब तक अमृत रहेगा, वह जीवित रहेगा। इस रहस्य को जान कर श्री राम ने अपने अग्नि बाण से रावण की नाभि का अमृत सुखा दिया और इस तरह रावण की मृत्यु हो गई। इससे ‘घर का भेदी लंका ढाए तथ्य की पुष्टि हो जाती है।

 

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