घर के खाने और होटल के खाने में अंतर एवं समानता लिखिए
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Answer:
the difference is that
Explanation:
if we cook food at home it is health and hotel food is healthy but not too much
the hotel taste and home taste is same
घर के खाने और होटल के खाने में समानता और अंतर
घर के खाने और होटल के खाने में समानता —
घर का खाने और होटल के खाने में समानता पर गौर करें तो दोनों में एक ही समानता होती है कि दोनों खाने स्वादिष्ट हो सकते हैं। घर का खाना स्वादिष्ट ही होता है, चाहे वह कैसा भी बना हो। होटल का खाना जरूरी नहीं स्वादिष्ट ही हो। किसी अच्छे रेस्टोरेंट का ही खाना स्वादिष्ट होता है जबकि बहुत सारी ऐसी जगह हैं जहां का खाना केवल पेट भरने लायक ही होता है, उससे मन नहीं भरता अर्थात वो स्वादिष्ट नहीं होता। इसलिए घर के गाने और होटल के खाने में समानता के मामले में कोई समानता नहीं है।
घर के खाने और होटल के खाने में अंतर —
घर के खाने और होटल के खाने में बहुत बड़े अंतर हैं। घर के खाने बनाने में आत्मीयता होती है, उसे पूरी शुद्धता और सफाई के साथ बनाया जाता है, उसमें पौष्टिक तत्व होते हैं जबकि होटल का खाना केवल व्यवसायिक दृष्टि से बनाया जाता है, उसको बनाने में आत्मीयता का अभाव होता है और ना ही उसमें पौष्टिकता को महत्व दिया जाता है।
होटल का खाना केवल जीभ को सूचना देने के लिए बनाया जाता है। होटल वाले अपना खाने में इस तरह के तत्व डालते हैं, जिनसे होटल के खाने का स्वाद तो बढ़ता है, लेकिन हो सकता है वह कोई केमिलक आदि हो जिससे शरीर को नुकसान पहुंचता हो। लेकिन होटल वालों को केवल अपने खाने के स्वाद के आधार पर अपना व्यापार बढ़ाना होता है इसके लिए वह ऐसे केमिकल टाइप तत्वों का प्रयोग करते हैं।
घर के खाने में ऐसी कोई बात नहीं होती। घर का खाना बिना केमिकल के पूर्ण शुद्धता के साथ बनाया जाता है और उसे बनाने में जो अपनापन लगता होता है, उससे खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इस कारण घर का साधारण विधि से सामान्य सामग्री के साथ बनाया खाना भी बेहद स्वादिष्ट लगता है जबकि होटल का खाना तमाम तरह की महंगी-महंगी सामग्रियों से युक्त करके भी घर के खाने जैसा मजा नहीं दे पाता।
घर का खाना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा ही होता है उससे खाने से पेट जल्दी खराब नहीं होता जबकि होटल का खाना स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद नुकसानदायक हो सकता है। नियमित रूप से होटल का खाना खाने से बीमार पड़ना निश्चित है, जबकि घर का खाना जीवन भर भी खाएंगे तो भी बीमार पड़ना जरूरी नहीं।
घर का खाना स्वास्थ्य, पैसे और स्वाद तीनों दृष्टि से उत्तम होता है, जबकि होटल का खाना पैसे की दृष्टि से भी महंगा होता है। स्वाद भी उसमें उतना नहीं होता और अगर
स्वाद होता भी है तो वो स्वाद उस व्यक्ति के स्वास्थ्य की कीमत पर होता है।
इसलिये हम कहें कि घर का खाना होटल के खाने से हर दृष्टि से उत्तम होता है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।