।.घर की मुर्गी दाल बराबर
2. तू डाल-डाल मैं पात-पात
3.चिराग तले अंधेरा
4.आसमान से गिरे, खजूर पर अटके
5.अपना हाथ जगन्नाथ
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Explanation:
1. कहावत में मुर्गी और दाल में जमीन आसमान का अंतर समझाने की कोशिश की गई है। मुर्गी को महंगा और दाल को सस्ता बताया गया है। इस कहावत का अर्थ है कि आसानी से मिलने वाली चीज की कोई कीमत नहीं
वाक्य: अपने घर पे बनाया गया खाना अच्छा नहीं लगता और बहार का बहुत स्वाद लगता है इसे कहते है घर की मुर्गी दाल बराबर ।
2. तू डाल डाल मैं पात पात का हिंदी में अर्थ है "यदि तुम उत्तम हो तो मैं अति-उत्तम हूँ" अर्थात तुम्हारी चाल को मैं तुमसे बड़ी
चाल के जरिए काट सकता हूँ।
वाक्यों में प्रयोग :
1. अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने "तू डाल डाल मैं पात पात" का हथकंडा अपनाया।
3. चिराग तले अंधेरा अर्थात दीपक की रोशनी सारे घर में उजाला करती है परंतु उसके नीचे नितांत अंधेरा रहता है।
वाक्य प्रयोग — 1. रमेश के पिता जी दूसरों को तो नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं, खुद उनका बेटा क्या करता है, उन्हें मालूम नहीं हैं इसे कहते हैं– चिराग तले अंधेरा।
4. अर्थ है- एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना।
वाक्य प्रयोग – बेचारे संजय ने विदेश की नौकरी छोड़ कर बंगलोर में नौकरी शुरू की लेकिन वहाँ भी कंपनी बंद हो गई – आसमान से गिरे, खजूर में अटके इसे ही कहते हैं।
5. यानि स्वयं पर विश्वास। जब कोई साथ ना दे तब स्वयं का सामर्थ्य ही जीवन के उत्थान और समस्या-समाधान के काम आता है।
एक बार राम ने अपना काम लक्ष्मण को दे दिया तो लक्ष्मण से वह कार्य सही तरह से नही हूआ। तो राम को समझ मे आ गया की अपना हाथ जगन्नाथ ।