Hindi, asked by girl2021, 2 months ago

घरेलू उद्योग धंधे पर एक छोटा निबंध लिखिए​

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Answered by apoorva341
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Answer:

हमारे देश में दिन -प्रतिदिन बेरोजगारी की समस्या चरम सीमा पर पहुँच रही है। सरकार मुमकिन कोशिश करने के साथ नयी योजनाएं भी बना रही है, ताकि गरीबो और मध्यम वर्गीय लोगो की इस परेशानी को दूर कर सके।

बेरोजगारी जैसे परेशानी को दूर करने के लिए हम घरेलू उद्योग और लघु उद्योग आरम्भ कर सकते है। गरीब या उससे भी निम्न स्तर पर जीने वाले लोगो के पास दो वक़्त का खाना मुश्किल से जुट पाता है।

अगर व्यक्ति घर से छोटा हस्तशिल्प का उद्योग आरम्भ करे तो फिर हाथ से बने हुए चीज़ो को बाज़ारो में अच्छे कीमत पर बेचा जा सकता है। ऐसे उद्योगों में पंद्रह ज़रूरतमंद और मेहनती लोगो को शामिल करे तो घरेलू उद्योग अच्छा -ख़ासा चल सकता है।

कभी – कभी सरकार पर रोज़गार के लिए पूरी तरीके से भरोसा करना बेरोजगार व्यक्ति के लिए भारी पर सकता है। हमे ज़रूरत है आत्मविश्वास और आत्मचिंतन करने की, साथ ही समय का सदुपयोग करके नए घरेलु उद्योग स्थापना करने की।

हमे ऐसे कुटीर उद्योगो की स्थापना करनी चाहिए जिसमे ज़्यादा भुगतान ना करना पड़े और जिसमे विशाल जगह की ज़रूरत ना पड़े। शुरुआत हमेशा मुश्किल होती है, लेकिन अगर दिशा सही हो तो आगे चल कर उद्योग को विस्तृत किया जा सकता है।

हमारे देश में दिन -प्रतिदिन बेरोजगारी की समस्या चरम सीमा पर पहुँच रही है। सरकार मुमकिन कोशिश करने के साथ नयी योजनाएं भी बना रही है, ताकि गरीबो और मध्यम वर्गीय लोगो की इस परेशानी को दूर कर सके।

बेरोजगारी जैसे परेशानी को दूर करने के लिए हम घरेलू उद्योग और लघु उद्योग आरम्भ कर सकते है। गरीब या उससे भी निम्न स्तर पर जीने वाले लोगो के पास दो वक़्त का खाना मुश्किल से जुट पाता है।

अगर व्यक्ति घर से छोटा हस्तशिल्प का उद्योग आरम्भ करे तो फिर हाथ से बने हुए चीज़ो को बाज़ारो में अच्छे कीमत पर बेचा जा सकता है। ऐसे उद्योगों में पंद्रह ज़रूरतमंद और मेहनती लोगो को शामिल करे तो घरेलू उद्योग अच्छा -ख़ासा चल सकता है।

कभी – कभी सरकार पर रोज़गार के लिए पूरी तरीके से भरोसा करना बेरोजगार व्यक्ति के लिए भारी पर सकता है। हमे ज़रूरत है आत्मविश्वास और आत्मचिंतन करने की, साथ ही समय का सदुपयोग करके नए घरेलु उद्योग स्थापना करने की।

हमे ऐसे कुटीर उद्योगो की स्थापना करनी चाहिए जिसमे ज़्यादा भुगतान ना करना पड़े और जिसमे विशाल जगह की ज़रूरत ना पड़े। शुरुआत हमेशा मुश्किल होती है, लेकिन अगर दिशा सही हो तो आगे चल कर उद्योग को विस्तृत किया जा सकता है।

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