घर में रहने के मेरे अनुभव विषय पर एक अनुच्छेद लिखीए
Answers
अकेले रहना एक डरावना अनुभव होता है। खासकर तब जब आप पहली बार अकेले रह रहे हों। बहुत सारे लोग इस तरह की लाइफस्टाइल को आकर्षक और दिलचस्प मानते हैं, पर वास्तव में अकेले रहना हर बार अच्छा नहीं होता है। पेरेंट के साथ रहने के बाद जब अकेले रहने की बात आती है तो यह काफी मस्ती भरा और रोमांचक मालूम पड़ता है। पर जब आप अकेले रहने को करीब से महसूस करते हैं, तो पता चलता है कि यह उतना भी खुशनुमा नहीं है।
हर कोई आजाद रहना चाहता है। पर जब आप अकेले रहने लगते हैं, तो आपको इस बात का एहसास होता है कि यह उतना भी मजेदार और शानदार नहीं है, जितना कि लगता था। अगर आप महिला हैं और अकेली रह रही हैं तो आपको सुरक्षा के कुछ कदम भी उठाने होंगे। खासकर महिलओं में तो व्यक्तिगत सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। अकेले रहने पर जब आपको खुद खाना बनाना होता है, कपड़े धोने होते हैं और घर की साफ सफाई करनी होती है तो यह जिंदगी काफी उबाऊ और थकाने वाली हो जाती है।
hope its help
please mark as brainlist and like
Explanation:
प्रस्तावना- लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है।
अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है।
अर्थात लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू की जाती है। जिस इलाके में लॉकडाउन किया गया है, उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। लॉकडाउन के वक्त कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर नहीं निकल सकता।
HOPE SO IT WILL HELP YOU