घर में शौचालय के निर्माण हेतु जागरूकता लाने वाली बहू तथा सास के बीच संवाद
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स्वच्छ भारत मिशन से प्रभावित होकर एक परिवार की बहू ने घर में शौचालय बनाने के लिए अपने गहने निकाल कर सास को सौंप दिये. बहू की सोच को सही मानते हुए उनकी सास ने उनके गहने लौटा दिये और घर में दूध देनेवाली गाय को बेच कर शौचालय बनवा कर ही दम लिया. जिले के बाराचट्टी प्रखंड के शर्मा पंचायत के तिवारीचक गांव की महिला तेतरी देवी ने चार साल पहले अपने बेटे की शादी कर घर में पढ़ी-लिखी बहू लाने का सपना पूरा किया था. ससुराल में शौचालय नहीं रहने के कारण पढ़ी-लिखी बहू को भी शौच के लिए खुले में जाना पड़ता था. बहू और परिवारवालों के बीच घर में शौचालय बनवाने को लेकर विवाद होते रहते थे. सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत चलाये जा रहे अभियान के बारे में बहू ने अपने ससुराल वालों को इसके फायदे गिनाये. लेकिन, सास-ससुर और पति ने यह कहते हुए टाल दिया था कि उनके पास पैसा नहीं है. यह बात सुनते ही बहू रेखा शर्मा ने शौचालय बनवाने के लिए अपने सारे गहने निकाल कर सास के हाथों में सौंप दिये. इसके बाद परिवार के सदस्यों को समझ में आया कि गहने से भी ज्यादा जरूरी अब शौचालय है.
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sas: suno bahu...
bahu: ha sasu maaa
sas: abhi beta kah raha tha ki
bahu: kya maa..
sas: wo kah rha ki ab dwar par sauchalaya bnega.
bahu; acha maa ji. ye bhut achi baat h
sas: ab bahar nhi jana pdega sauch karne
bahu: hm. ma ji muje ye sun kar bhut khusi ho rhi h
bahu: sauchalaya to har ghar ne bhut jarori h