"घर में विधवा रही पतोहू,
लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने,
डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू.
न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते. फटती छाती।
(क) किसान की बहू को 'लछमी थी, यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गया है ?
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
(ग) काव्यांश में प्रयुक्त दोनो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
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घर में विधवा रही पतोहू. लछमी थी, यद्यपि पति घातिन, पकड़ मँगाया कोतवाल ने, डूब कुएँ में मरी एक दिन! खैर, पैर की जूती, जोरू न सही एक, दूसरी आती, पर जवान लड़के की सुध कर साँप लोटते, फटती छाती। पाविता में विभात पी पीड़ा पे कि जिह जिम्मेवार बताया गया है।
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