"घर में विधवा रही पतोहू, लछमी थी, यद्यपि पति घातिन,
पकड़ मँगाया कोतवाल ने, डूब कुएँ में मरी एक दिन।
खैर, पैर की जूती, जोरू, न सही एक, दूसरी आती,
पर जवान लडके की सुध कर साँप लोटते, फटती छाती।
(क) किसान की बहू को 'लछमी थी,यद्यपि पति घातिन' क्यों कहा गय
(ख) इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए-
- is kavita me nari ke prati vyakt bicharo par tipani likhiye
Answers
" घर में विधवा रही पतोहु, लछमी थी, यद्यपि पति घातिन "
( क ) किसान की बहु को 'लछमी थी यद्यपि पति घातिन 'कहा गया क्योंकि उसे अपने ही पति की मृत्यु का जिम्मेदार माना जा रहा था।
उस जमाने में नारी का सम्मान नहीं किया जाता था, उस पर अत्याचार किए जाते थे। किसान के बेटे को जमींदार के लोगों ने मारा था परन्तु इसका इलज़ाम किसान की बहु के सिर मढ़ दिया गया जिससे प्रताड़ित हो उसने कुएं में छलांग लगा ली।
( ख) इस कविता में नारी के प्रति व्यक्त विचारो पर टिप्पणी निम्नलिखित है।
•नारी को सम्मानजनक निगाहों से नहीं देखा जाता था। नारी की कोई कीमत नहीं थी। किसान के बेटे की मृत्यु होने पर उसके मृत्यु का जिम्मेदार किसान एक बहु को ठहराया गया। उसे घर में लक्ष्मी का स्थान देने का बजाय उसे प्रताड़ित किया गया।
• जब किसान की बहू ने आत्महत्या कि तब किसान को इतना दुख नहीं हुआ जितना दुख उसे अपने बेटे को मृत्यु पर हुआ था। उसके अनुसार औरत पैर की जूती होती है।