Hindi, asked by student6219, 3 months ago

घर में विधवा रही पतोहू
लछमी थी यद्यपि पति घातिन
पकड मंगाया कोतवाल ने
डूब कुएँ में मरी एक दिन
खैर पैर की जुती जोरु
न सही एक दुसरी आती
पर जवान लडके की सुध कर
साँप लोटते फटती छाती

इस कविता में मारी के प्रति व्यक्त विचारों पर टिप्पणी लिखिए ​

Answers

Answered by sh123prajapat
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इस कविता में मारी किसान की पुत्र वधू का नाम है, मारी घर की लक्ष्मी थी किंतु उससे घर के सभी सदस्य घृणा करते थे, किंतु किंतु उससे लोग घातीन के समान देखते थे, यहां यहां तक कि लोगों ने कोतवाल तक पहुंचा दिया।।

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