Hindi, asked by ujjwal5920, 1 year ago

Ghatta Jal badhti avashyakta​

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Answered by Dharmik06
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अभी पिछले दिनों हैदराबाद और तेलांगना प्रांत के दूसरे इलाकों में पानी की भारी कमी और जलस्तर के नीचे जाने की खबर आई है. जल संसाधन पर संसद की स्थायी समिति ने भी हाल में इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताई है. उसने केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय से इस मुद्दे का अध्ययन कर छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हालत में सुधार नहीं हुआ तो दस साल के भीतर पूरे बंगलूर शहर को कहीं और बसाना होगा.

बढ़ता संकट

संसदीय समिति ने कहा है कि देश के 16 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में हालात तेजी से गंभीर हो रहे हैं. उसने चेताया है कि जरूरत से ज्यादा दोहन के चलते देश के विभिन्न राज्यों में जल्दी ही पानी का गहरा संकट पैदा हो जाएगा. इससे पानी की क्वालिटी भी खराब होगी. केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सिंचाई के लिए सबसे ज्यादा 91 फीसदी भूमिगत जल का दोहन किया जाता है. बाकी का इस्तेमाल घरेलू और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है. समिति ने कहा है कि जल का सबसे ज्यादा दोहन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में किया जाता है. पंजाब में तो भूमिगत जल का 98 फीसदी सिंचाई में इस्तेमाल होता है जबकि हरियाणा और राजस्थान के मामले में यह आंकड़ा क्रमशः 94.5 और 88.4 फीसदी है. समिति ने भूमिगत जल में बढ़ते प्रदूषण पर भी चिंता जताई है. बिहार, छत्तीसगढ़, ओडीशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम व त्रिपुरा में यह प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है.

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