Hindi, asked by Broth, 11 months ago

Ghazal ka udaharan bataiye ghazal ka udaharan bataiye

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Answered by Mayank1675
4

Answer:

HEYA MATE......

HERE IS YOUR ANSWER.....

Explanation:

Ghazal by jagjit singh :- ( Hindi)

कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबाँ होती है

ये हक़ीक़त तो निगाहों से बयाँ होती है

वो न आये तो सताती है ख़लिश सी दिल को

वो जो आये तो ख़लिश और जवाँ होती है

रूह को शाद करे, दिल को जो पुरनूर करे

हर नज़ारे में ये तनवीर कहाँ होती है

ज़ब्त-ए-सैलाब-ए-मुहब्बत को कहाँ तक रोकें

दिल में जो बात हो आँखों से अयाँ होती है

ज़िन्दग़ी एक सुलगती-सी चिता है 'साहिर'

शोला बनती है न ये बुझ के धुआँ होती है

HOPE IT HELPS YOU........

PLEASE MARK AS BRAINLIEST......

Answered by Anonymous
3

Answer:

गजल की महफिल बहुत शान और शौकत से मनाई जाती है रखी जाती है गजल की महफिल में बहुत सारे सेक्स आते हैं जो आधे के लोग रहते हैं जिनका आधार आता है वह भी आते हैं और आम आदमी भी आते हैं इसमें सभी लोग शामिल होते हैं

जिंदगी एक सुलगती सी चिता है

साहिर शोला बनती है ना

यह बुझ के धुआं होती है

रूह के साद करें दिल को जो पुर्नूर करें

हर नजारे में यह तस्वीर कहां होती है

धन्यवाद

◼⬛Be Brainly⬛◼

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