ghost story in hindi language in 100
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मऊ. भूत-प्रेत की कहानियां को बचपन से हम अक्सर हम अपने दादा दादी , या फिर नाना नानी से सुनते चले आ रहे है। पर मऊ के अस्पताल वाले भूत के बारे में दावा किया जाता है कि यह किस्सा नहीं बल्कि सच्चाई है। इसी से समझा जा सकता है कि आज भी शाम होने पर गांव में बच्चों को अस्पताल वाले भूत से डराकर चुप कराया जाता है। लोग भी कहते हैं कि वहां से ऐसी आवाजें आती हैं कि गांव के लोगों के लिये रात काटना मुश्किल हो जाता है। किसी में आज तक हिम्मत नहीं हुई कि वह अस्पताल में जाकर देखे कि कराहने की और खौफनाक आवाजें कहां से आती हैं।
ये है पूरी कहानी
मऊ जिले के परदहा ब्लाक अन्तर्गत रैनी गांव में में बना सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र अस्पताल खण्डहर की तरह खड़ा है। यहां का मंजर झाड़ियों और खण्डहर के चलते डरावना लगता है। दिन में भी लोग इस रास्ते से गुजरने से डरते हैं। घनी झाड़ियों के बावजूद रास्ता इतना साफ दिखता है जैसे अभी किसी ने साफ किया हो, जबकि बताते हैं कि वहां सफाई नहीं होती।
गांव वालों की माने तो अगर दिन के 12 बजे अस्पताल के पास के कोई गुजरा तो उसकी हालत खराब हो जाती है। कई बार तो लोगों को लगता है कि अस्पताल में खूब भीड है और लोगों के रोने की आवाजें आती हैं। यही नहीं खौफ इस बात से भी होता है कि पक्षी भी इस खण्डहर और इसकी दीवारों पर नहीं बैठते।
सूरज डूबते गांव के लोग उस रास्ते को सुनसान छोड़ देते हैं। अगर बहुत मजबूरी हुई तो वहां से झुण्ड बनाकर गुजरते हैं। उन्हें हर समय इस बात का डर लगा रहता है कि किसी भूत का साया न पड़ जाए। रैनी गांव के लोग ऐसे ही रहते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि आधी रात के समय उल्लुओं के रोने की आवाजें आती हैं। आवाजों को सुनकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने पिघला हुआ सीसा कान में डाल दिया है।
रात होती है तो गांव वाले किसी इंतजार करते हैं कि किसी तरह से यह रात कटे और सुबह हो, क्योंकि उन्हें गांव की रात डाराती है। वह रात में दहशत में रहते हैं। गांव के लोग कहते हैं कि ऐसा लगता है जैसे रात कटती ही नहीं।
यह भी दावा किया जाता है कि कभी-कभी अस्पताल कि खिडकी से रोशनी आती दिखायी पडती है। वहां से कराहने की आवाजें सुनायी पड़ती हैं। गांव के लोगों की मानें तो ये आवाजें लम्बे समय से आती हैं पर किसी में हिम्मत नहीं कि वो वहां जाकर देखे। इसकी पड़ताल करे। गांव के लोगों का कहना है कि जिस रात अस्पताल से रोने की आवाजें आती हैं उसके दूसरे दिन गांव में जैसे मरघट का सन्नाटा छाया रहता है। हर किसी को इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं कोई घटना न हो जाए।