gillu lekhika se bahut prem karta tha. udaharan dekar spasht kijie
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महादेवी वर्मा द्वारा रचित गिलू से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि गिलू को महादेवी जी का साथ अत्यंत प्रिय था तभी तो वह उनके बीमारी के दिनों में घर न आने पर खाना पीना छोड़ देता है।
महादेवी जी के साथ समय बिताना उसे बहुत प्रिय था तभी तो जीवन के अंतिम समय में भी वह महादेवी जी से चिपका रहता है और दम तोड़ देता है।
गिल्लू लेखिका से बहुत प्रेम करता था। उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
गिल्लू लेखिका से बहुत प्रेम करता था, इसका उदाहरण इस प्रकार मिलता है जब लेखिका का अपना लेखन कार्य करने को बैठती तो वे लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैर पर आकर सर्र से पर्दे पर चढ़ जाता था और फिर तेजी से उतरता। जब तक लेखिका गिल्लू को पकड़ने के लिए ना उठती, गिल्लू यह चढ़ने-दौड़ने का क्रम जारी रखता था।
गिल्लू लेखिका के पास आकर बैठ जाता था और लेखिका के लेखन कार्य को अपनी चमकीली आंखों से देखता रहता था। कभी-कभी वह अद्भुत स्थिति में घंटों मेज पर, अथवा दीवार के सहारे खड़ा रहता और लेखिका को देखता रहता था। जब उसे भूख लगती तो वह चिक-चिक की आवाज करने लगता और लेखिका को ये प्रदर्शित करता कि उसे भूख लगी है।
व्याख्या :
'गिल्लू' कहानी लेखिका महादेवी वर्मा द्वारा लिखित एक संस्मरण कहानी है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन में घटे उस संस्मरण का वर्णन किया है, जिसमें उन्होंने एक गिलहरी के बच्चे को मौत के चंगुल से बचाया और उसे अपने घर पर पाला। दो वर्ष तक गिलहरी का बच्चा उनके घर पर रहा, लेखिका का आत्मिक लगाव हो गया था। लेखिका ने गिलहरी के बच्चे का नाम 'गिल्लू' रखा था।
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अपनी पाठ्यपुस्तक से किसी एक पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(गिल्लू कहानी का सारांश।)