Gimmie some examples of bhayanak ras
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Bhayanak Ras ke Udaharan
अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल
कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार
एक ओर अजगर हिं लखि, एक ओर मृगराय
विकल बटोही बीच ही, पद्यो मूर्च्छा खाय
इसका स्थायी भाव भय होता है जब किसी भयानक या अनिष्टकारी व्यक्ति या वस्तु को देखने या उससे सम्बंधित वर्णन करने या किसी अनिष्टकारी घटना का स्मरण करने से मन में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है उसे भय कहते हैं उस भय के उत्पन्न होने से जिस रस कि उत्पत्ति होती है उसे भयानक रस कहते हैं इसके अंतर्गत कम्पन, पसीना छूटना, मुँह सूखना, चिन्ता आदि के भाव उत्पन्न होते हैं
1. “मेरे सामने ही कातिल ने उस व्यक्ति की गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया । उसका सर धड़ से अलग हो गया और गर्दन से खून के फव्वारे निकलने लगे ।”
2. “डायन है सरकार फिरंगी, चबा रही हैं दाँतों से,
छीन-गरीबों के मुँह का है, कौर दुरंगी घातों से ।
हरियाली में आग लगी है, नदी-नदी है खौल उठी,
भीग सपूतों के लहू से अब धरती है बोल उठी,
इस झूठे सौदागर का यह काला चोर-बाज़ार उठे,
परदेशी का राज न हो बस यही एक हुंकार उठे ।।”
These are examples of भयानक रस in hindi.
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