girdhar kaviary ki kundliyon ka sancchipt anuwaad kriye
Answers
Answered by
2
Answer:
गिरिधर की कुंडलियाँ केन्द्रीय भाव / मूल भाव
गिरिधर कविराय जी ने अपनी कुंडलियाँ में लाठी और कम्बल के प्रति आदरभाव ,मौकापरस्ती ,सबल का सहारा ,समय के अनुसार कार्य का महत्व आदि बातों को लेकर बड़ी ही मार्मिक ढंग से बात कही है . उनकी कविता ने जनमानस पर बहुत ही प्रभाव छोड़ा है और वे आज भी लोकप्रिय हैं ।
Explanation:
I hope it would help you please please please mark me as brainliest.
Similar questions
Chemistry,
1 month ago
English,
1 month ago
English,
3 months ago
Social Sciences,
3 months ago
Science,
9 months ago