Hindi, asked by saniyahussaini49, 3 months ago

girdhar kaviary ki kundliyon ka sancchipt anuwaad kriye​

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Answered by anitarana867
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Answer:

गिरिधर की कुंडलियाँ केन्द्रीय भाव / मूल भाव

गिरिधर कविराय जी ने अपनी कुंडलियाँ में लाठी और कम्बल के प्रति आदरभाव ,मौकापरस्ती ,सबल का सहारा ,समय के अनुसार कार्य का महत्व आदि बातों को लेकर बड़ी ही मार्मिक ढंग से बात कही है . उनकी कविता ने जनमानस पर बहुत ही प्रभाव छोड़ा है और वे आज भी लोकप्रिय हैं ।

Explanation:

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