Girish Shabd ka Sandhi viched kya hoga
Answers
gie+ esh= girish
( e changes to r and esh changes to Ish so that's the rule of swar sandhi)
Answer:
गिरीश शब्द का विच्छेद होगा “गिरि+ईश” जिसका अर्थ होता है पर्वतों का राजा |
Explanation:
गिरीश शब्द का विच्छेद होगा “गिरि+ईश” जिसका अर्थ होता है पर्वत का राजा |
संस्कृत व्याकरण के नियमानुसार यदि अ , इ, उ, ऋ के बाद कोई सदृश अक्षर हो तो दोनों के स्थान पर उसी वर्ण का दीर्घ अक्षर हो जाता है | जैसे
*(क) अ/आ + अ/आ = आ*
अ + अ = आ --> धर्म + अर्थ = धर्मार्थ / अ + आ = आ --> हिम + आलय = हिमालय / अ + आ =आ--> पुस्तक + आलय = पुस्तकालय, आ + अ = आ --> विद्या + अर्थी = विद्यार्थी / आ + आ = आ --> विद्या + आलय = विद्यालय
*(ख) इ और ई की संधि*
इ + इ = ई --> रवि + इंद्र = रवींद्र ; मुनि + इंद्र = मुनींद्र, इ + ई = ई --> गिरि + ईश = गिरीश ; मुनि + ईश = मुनीश, ई + इ = ई- मही + इंद्र = महींद्र ; नारी + इंदु = नारींदु, ई + ई = ई- नदी + ईश = नदीश ; मही + ईश = महीश .
( *ग) उ और ऊ की संधि*
उ + उ = ऊ- भानु + उदय = भानूदय ; विधु + उदय = विधूदय, उ + ऊ = ऊ- लघु + ऊर्मि = लघूर्मि ; सिधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि, ऊ + उ = ऊ- वधू + उत्सव = वधूत्सव ; वधू + उल्लेख = वधूल्लेख, ऊ + ऊ = ऊ- भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व ; वधू + ऊर्जा = वधूर्जा |