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⠀⠀⠀⠀⠀Activity
किसानों के सामने आने वाली किन्हीं 5 मुख्य समस्याओं के बारे में जानकारी दिजीये5 मुख्य समस्याएँ :-
⚘ आर्थिक समस्याएँ
किसानों के सामने आने वाली किन्हीं 5 मुख्य समस्याओं के बारे में जानकारी दिजीये5 मुख्य समस्याएँ :-⚘ आर्थिक समस्याएँकिसानों की आर्थिक स्थिति उनकी बहुत बड़ी समस्या होती है। अगर कभी कोई घर में बीमार पड़ जाता है या कुछ हो जाता हाई तो इन्हें बहुत मुश्किलें उठानी पड़ती है।
⚘ अशिक्षित
⚘ अशिक्षितकिसान अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण पढ़ने नहीं जा पाते। जिसके कारण वह अशिक्षित रह जाते हैं।
⚘ बेरोजगारी
किसान अशिक्षित होने के साथ साथ बेरोजगारी की भी मार झेलते हैं।वे अशिक्षित होने के कारण बेरोजगार हो जाते हैं।
⚘ कर्ज
किसान खाद-उर्वरकों को खरीदने के लिये ब्याजदरों पर बड़े-बड़े साहूकारों से कर्ज लेते हैं और जीवनभर उस कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं। अंतत: उन्हें मजबूरन अपनी जमीन या तो साहूकर को दे देनी पड़ती है या वे मजबूरन आत्महत्या कर लेते हैं।
जागरुकता की कमी
जागरुकता की कमी के कारण किसान सरकार द्वारा चलाये जाने वाले कार्यक्रमों से अपरिचित रह जाते हैं और वे इन सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते।
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⠀⠀⠀⠀Assignment
⚘ औपचारिक पत्र :-
औपचारिक पत्र को कार्यालय पत्र के नाम से भी जाना जाता है l ऐसे पत्र जो किसी कार्यालय के अधिकारी के लिए लिखे जाते हो कार्यालय चाहे सरकारी हो सकता है या गैर सरकारी l या किसी कार्यालय द्वारा किसी कार्यालय को या किसी व्यक्ति को कार्यालय से संबंधित कार्यों के लिए लिखे जाने वाला पत्र कार्यालय पत्र कहलाता है l
⚘ औपचारिक पत्र के प्रकार :-
:↝ आवेदन पत्र
:↝ शिकायत पत्र
:↝ अर्ध सरकारी पत्र
⚘ औपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें :-
✒ औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
✒ औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
✒ इस प्रकार के पत्रों में नपी-तुली भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।
✒ औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
✒ इस प्रकार के पत्रों में नपी-तुली भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।✒ पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
✒ औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
✒ इस प्रकार के पत्रों में नपी-तुली भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।✒ पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
✒ पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
✒ औपचारिक-पत्र नियमों में बंधे हुए होते हैं।
✒ इस प्रकार के पत्रों में नपी-तुली भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसमें अनावश्यक बातों (कुशलक्षेम आदि) का उल्लेख नहीं किया जाता।✒ पत्र का आरंभ व अंत प्रभावशाली होना चाहिए।
✒ पत्र की भाषा-सरल, लेख-स्पष्ट व सुंदर होना चाहिए।
✒ यदि आप कक्षा अथवा परीक्षा भवन से पत्र लिख रहे हैं, तो कक्षा अथवा परीक्षा भवन (अपने पता के स्थान पर) तथा क० ख० ग० (अपने नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए।
✒ पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए के साथ मिलाकर लिखें।
✒ पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए के साथ मिलाकर लिखें।✒ पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता बनी रहे।
✒ पत्र पृष्ठ के बाई ओर से हाशिए के साथ मिलाकर लिखें।
✒ पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना चाहिए ताकि तारतम्यता बनी रहे।
✒ प्रधानाचार्य को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्थान पर अपना नाम, कक्षा व दिनांक लिखना चाहिए।