give example of manvikaran alankar
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Raat naagin si yun dol rahi.
मानवीकरण अलंकार की परिभाषा :-
मानवीकरण अलंकार जब प्राकृतिक वस्तुओं कैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है
फूल हँसे कलियाँ मुसकाई।
दिए गए उदाहरण में दिया गया है की फूल हंस रहे हैं एवं कलियाँ मुस्कुरा रही हैं। जैसा की हम जानते हैं की हंसने एवं मुस्कुराने की क्रियाएं केवल मनुष्य ही कर सकते हैं प्राकृतिक चीज़ें नहीं। ये संभव नहीं है | इसी कारण यह मानवीकरण अलंकार है।
मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के।
ऊपर के उदाहरण में दिया गया है कि बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की। अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार है |
मेघमय आसमान से उतर रही है संध्या सुन्दरी परी सी धीरे धीरे धीरे |
दी गई पंक्तियों में बताया गया है कि संध्या सुन्दर परी की तरह धीरे धीरे आसमान से नीचे उतर रही है। इस वाक्य में संध्या कि तुलना एक सुन्दर पारी से की है। एक निर्जीव की सजीव यह मानवीकरण अलंकार होता है।
उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।
दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है ,यह मानवीकरण अलंकार होता है।