Give examples of slesh and yamak Alankaar
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जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। उदाहरण -
रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। उदाहरण -
१ ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहन वारी, ऊँचे घोर मन्दर के अन्दर रहाती हैं।
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Hi friend !!
यमक अलंकार में एक ही शब्द दो बार आता है परन्तु दोनों बार इसके अर्थ अलग -अलग होते हैं। जैसे
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
या खाये बौराए जग वा पाये बौराए
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श्लेष का अर्थ है-चिपकना। जहाँ एक ही शब्द का प्रयोग किया जाए परन्तु उस शब्द के अर्थ अलग-अलग निकलते हों, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे-
पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।
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यमक अलंकार में एक ही शब्द दो बार आता है परन्तु दोनों बार इसके अर्थ अलग -अलग होते हैं। जैसे
कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय
या खाये बौराए जग वा पाये बौराए
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श्लेष का अर्थ है-चिपकना। जहाँ एक ही शब्द का प्रयोग किया जाए परन्तु उस शब्द के अर्थ अलग-अलग निकलते हों, उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे-
पानी गए न ऊबरै, मोती मानुष चून।
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