give give me bhavarth of this chapter and don't spam on my question give me a right answer bhavarth in Hindi
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Answers
दयालु: सिंह: (भावार्थ:)
किसी वन में एक सिंह निवास करता था । वह बहुत क्रूर था। यदि कोई पशु उसके निकट आता तो वो उसकी हत्या कर देता था । एक बार वह नीम पेड़ के नीचे आराम कर रहा था। तभी एक मूषक उस पेड़ के नीचे आ गया ओर सिंह के शरीर पर कूदने लगा। क्रोध में आकर सिंह ने मूषक को खाने का विचार किया। लेकिन मूषक बहुत चालक था। वह बिना वयकुल हुए सिंह से बोला - "श्रीमान, आप तो जंगल के राजा हैं, मैं तो एक छुद्र प्राणी हूँ। अगर आप मुझे छोर देंगे तो भविष्य में मैं भी आपकी सहायता करूँगा। मैन आपकी नींद भांग की है इसलिए आपसे छमा मांगता हूं। मुझपर दया करो वनराज। " सिंह ने सोचा कि ये छुद्र प्रानी उसकी क्या सहायता करेगा फिर भी उसने दया करके मूषक की छोर दिया।
एक बार वही सिंह किसी प्रकार से एक शिकारी की जाल में फस गया। भाग्य से वह मूषक वहां पर आ गया। सिंह को निराश देखकर मूषक ने उसे धैर्य रखने को कहा और अपनी दांतो से जाल को काट दिया। सिंह पुनः स्वतंत्र हो गया। वह मूषक की बार बार प्रशंसा करने लगा और बोला - "आज एक छुद्र प्राणी ने एक वनराज की मदद की है, सच मे में तुम्हारा उपकार कभी नही भूलूंगा। अब मैं दयालु और परोपकारी हो गया हूँ।