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दुर्गा पूजा प्रतिवर्ष हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्द त्यौहार है। यह भव्य त्यौहार माता दुर्गा की पूजा-आराधना के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के अंत की ख़ुशी में मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है। इस त्यौहार के बिच अन्यत्यौहार दशहरा भी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
यह त्यौहार प्रतिवर्ष अश्विन महीने के पहले से दसवें दिन तक मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के लिए लोग 1-2 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। यह त्यौहार पुरे भारत में धूम-धाम से नाच-गाने के साथ उत्साह के साथ मनाया जाता है।
कुछ राज्यों जैसे ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, तथा त्रिपुरा के लोग दुर्गा पूजा को बहुत ही बड़े तौर पर मनाते हैं। लोग जो विदेशों में रहते हैं खासकर दुर्गा पूजा के लिए छुट्टियाँ लेकर आते हैं। दुर्गा पूजा के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में 10 दिनों का अवकास भी होता है।
दुर्गा पूजा में कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी दुर्गा पूजा को बहुत ही सुन्दर रूप से मनाया जाता है। भारत के पश्चिम बंगाल का यह मुख्य त्यौहार है।
दुर्गा पूजा त्यौहार का उत्सव
दुर्गा पूजा का उत्सव दस दिनों तक चलता है, परन्तु माँ दुर्गा की मूर्ति को सातवें दिन से पूजा की जाती है। आखरी के तिन दिन पूजा का उत्सव बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। हर गली मोहल्ले में इसकी एक अलग ही झलक दिखती है क्योंकि शहरों और गाँव में कई जगह माँ दुर्गा के बड़े-छोटे मिटटी की मूर्तियों को बनाया और सजाया जाता है जो की देखने में बहुत सुन्दर दीखते हैं।
Answer:
Durga Pooja is a Hindu festival celebration of the Mother Goddess and the victory of the warrior Goddess Durga over the demon Mahisasura. The festival represents female power as ‘Shakti’ in the Universe. It is a festival of Good over Evil. Durga Pooja is one of the greatest festivals of India. In addition to being a festival for the Hindus, it is also time for a reunion of family and friends, and a ceremony of cultural values and customs.
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The significance of Durga Pooja
While the ceremonies bring observance of fast and devotion for ten days, the last four days of the festival namely Saptami, Ashtami, Navami, and Vijaya-Dashami are celebrated with much sparkle and magnificence in India, especially in Bengal and overseas.
The Durga Pooja celebrations differ based on the place, customs, and beliefs. Things differ to the extent that somewhere the festival is on for five days, somewhere it is for seven and somewhere it is for complete ten days. Joviality begins with ‘Shashti’ – sixth day and ends on the ‘VijayaDashmi’ – the tenth day.
Background of Durga Pooja
Goddess Durga was the daughter of Himalaya and Menka. She later became Sati to get married to Lord Shiva. It is believed that the festival of Durga pooja started since the time Lord Rama worshipped the goddess to get a grant of powers from her to kill Ravana.
Some communities, especially in Bengal the festival is celebrated by decorating a ‘pandal’ in the close regions. Some people even worship the goddess at home by making all the arrangements. On the last day, they also go for immersing the statue of the goddess into the holy river the Ganges.