Hindi, asked by ridhisharma35, 8 months ago

Give me a good introduction of the poem in your own words
एक भिखारी दुखियारा
भूखा, प्यासा
भीख मांगता
फिरता मारा-मारा!​

Answers

Answered by pinkybansal1101
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एक भिखारी दुखियारा

भूखा, प्यासा

भीख मांगता

फिरता मारा-मारा!

'अबे काम क्यों नहीं करता?'

'हट......हट!!'

कोई चिल्लाता,

कोई मन भर की सीख दे जाता।

पर.....पर....

भिखारी भीख कहीं ना पाता!

भिखारी मंदिर के बाहर गया

भक्तों को 'राम-राम' बुलाया

किसी ने एक पैसा ना थमाया

भगवन भी काम ना आया!

मस्जिद पहुँचा

आने-जाने वालों को दुआ-सलाम बजाया

किसी ने कौडी ना दी

मुसीबत में अल्लाह भी पार ना लाया!

भिखारी बदहवास

कोई ना बची आस

जान लेवा हो गई भूख-प्यास।

जाते-जाते ये भी आजमा लूँ

गुरूद्वारे भी शीश नवा लूं!

'सरदार जी, भूखा-प्यासा हूं।।।

'ओए मेरा कसूर अ?'

भिखारी को लगा किस्मत बडी दूर है।

आगे बढा़....

तभी एक देसी ठेके से बाहर निकलता शराबी नजर आया

भिखारी ने फिर अपना अलाप दोहराया।।

'बाबू भूखे को खाना मिल जाए

तेरी जोडी बनी रहे, तू ऊँचा रूतबा पाए।'

'अरे भाई क्या चाहिए'

'बाबू दो रूपया ---

भूखे पेट का सवाल है!'

शराबी जेब में हाथ डाल बुदबुदाया।।।

'अरे, तू तो बडा बेहाल है!'

'बाबू दो रूपये......'

'अरे दो क्या सौ ले।'

'बाबू बस खाने को......दो ही.....दो ही काफ़ी है।'

'अरे ले पकड सौ ले...

पेट भर के खाले......

बच जाए तो ठररे की चुस्की लगा ले।।।'

हाथ पे सौ का नोट धर शराबी आगे बढ ग़या।

भिखारी को मानो अल्लाह मिल गया।

'तेरी जोडी बनी रहे, तू ऊँचा रूतबा पाए!'

भिखारी धीरे से घर की राह पकडता है।

रस्ते में फिर मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारा पड़ता है।

भिखारी धीरे से बुदबुदाता है.......

'वाह रे भगवन्.......

तू भी खूब लीला रचाता है

मांगने वालों से बचता फिरता, इधर-उधर छिप जाता है

रहता कहीं हैं

बताता कहीं है

आज अगर ठेके न जाता

खुदाया, मैं तो भूखों ही मर जाता!

इधर-उधर भटकता रहता

तेरा सही पता भी न पाता

तेरा सही पता भी न पाता!

तेरा सही पता भी न पाता!!

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

hope it helps you

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@phenom

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