Hindi, asked by Bishal2921, 1 year ago

give me a poem on rain in hindi!!

Answers

Answered by OwnLadyPeace
1
Heya this is u are poem...
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Poem name - ग्रीष्म ऋतु में वर्षा.
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•}बारिश कितनी खूबसूरत है!
धूल और गर्मी के बाद,
व्यापक और जलती हुई सड़क में,
संकीर्ण लेन में,
बारिश कितनी खूबसूरत है!
यह कैसे छतों के साथ clatters
खुर के आवारा की तरह!
यह कैसे उड़ता है और संघर्ष करता है
अतिप्रवाह टोंटी के गले से!
विंडो-फलक भर में
यह pours और pours
और तेज और चौड़ा,
एक गंदी ज्वार के साथ,
नाले की गड़गड़ाहट के नीचे एक नदी की तरह
वर्षा, स्वागत बारिश!
••••••••••••••••end here••••••••••••
Thank have a nice day ...
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Answered by sushmitha8318
0

Answer:

मुझे  \: भरोसा \:  है  \:  \\ ये \:  काम \:  करेगा

मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन- \: ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\ </p><p>आगे-आगे  \: नाचती – गाती  \: बयार \:  चली \\ </p><p>दरवाजे- \: खिड़कियाँ  \: खुलने \:  लगी \:  गली-गली \\ </p><p>पाहुन  \: ज्यों  \: आये \:  हों \:  गाँव  \: में \:  शहर \:  के। \\ </p><p>पेड़  \: झुक  \: झाँकने  \: लगे  \: गरदन  \: उचकाये \\ </p><p>आँधी  \: चली,  \: धूल \:  भागी  \: घाघरा  \: उठाये \\ </p><p>बांकीचितवन  \: उठा  \: नदी,  \: ठिठकी, \:  घूँघट  \: सरके। \\ </p><p>बूढ़े़ \:  पीपल \:  ने  \: आगे  \: बढ़  \: कर जुहार \:  की \\ </p><p>‘बरस  \: बाद \:  सुधि  \: लीन्ही’ \\ </p><p>बोली  \: अकुलाई  \: लता  \: ओट  \: हो किवार \:  की \\ </p><p>हरसाया  \: ताल  \: लाया \:  पानी \:  परात  \: भर \:  के। \\ </p><p>क्षितिज  \: अटारी \:  गदरायी \:  दामिनि \:  दमकी \\ </p><p>‘क्षमा  \: करो \:  गाँठ  \: खुल  \: गयी \:  अब  \: भरम  \: की’ \\ </p><p>बाँध  \: टूटा  \: झर-झर  \: मिलन  \: अश्रु \:  ढरके \\ </p><p>मेघ  \: आये  \: बड़े  \: बन-ठन  \: के, \:  सँवर \:  के। \\

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