Give me essay on sainik ki atmakatha
Answers
एक सैनिक की आत्मकथा।
Explanation:
मैं जब 21 वर्ष का था तो मैंने भारतीय सेना में दाखिला लिया। भारतीय सेना में 20 वर्षों तक अपनी सेवा देना मेरे लिए बहुत ही भाग्य की बात है। मैं बचपन से ही एक सैनिक बनना चाहता था। एक बार जब भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया तब मैं भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात था। जब मैंने देखा कि पाकिस्तान की तरफ से कुछ बड़े-बड़े टैंक भारतीय सेना की ओर बढ़ रहे हैं तब मैंने जल्दी से अपने बाकी साथियों को सचेत किया और जैसे ही युद्ध आरंभ हुआ हमने कई सारे पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया।
हालांकि भारतीय सैनिक भी बहुत बड़ी संख्या में घायल हुए थे और उन घायलों में से एक मैं भी था। जब मैं अपने एक साथी की मदद कर रहा था तब अचानक से एक बम का गोला हमारी तरफ आकर गिरा जिसमें मेरा एक पैर चला गया। भारतीय सेना ने मजबूरन मुझे सेना से निकाल दिया क्योंकि जो व्यक्ति अपनी मदद नहीं कर सकता वह देश की रक्षा क्या करेगा। हालांकि मेरे इरादे अभी भी उतने ही मजबूत है और अब मैं भारतीय सेना के लिए एक जासूस का काम करता हूं। जासूसी करते करते मैं इतना थक गया हूं कि मुझे लगता है कि यदि मैं सैनिक होता तो इन सभी गद्दारों को मार देता। लेकिन अब मैं एक सैनिक नहीं रहा और शायद अब मैं कभी दोबारा सैनिक के रूप भी ना ले सकूं। मुझे अपनी इस स्थिति पर बहुत दुख भी होता है और गुस्सा भी आता है कि काश मैं भारत देश की रक्षा के लिए शहीद हो पाता और देश के सभी गद्दारों और दुश्मनों का सर्वनाश कर देता।
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