, give me the full answer of this question in Hindi
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१)कटुक निबौरी और कनक कटोरी द्वारा यहां यह संदेश दिया गया है कि यदि हमें गुलामी वाली जिंदगी में रखकर सोने के बर्तन में खाना दिया जाता है तो वह कटुक निबौरी के समान लगता है।
वहीं यदि हम आजाद होते हैं और स्वतंत्र अवस्था में भले ही हम पत्तल में खाते हैं तब भी हमें ऐसा प्रतीत होता है कि मानो हमें स्वर्ग जैसा भोजन प्राप्त हुआ है।
२) हां, हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होनि चाहिए क्योंकि हम मानव का जन्म समस्त जीवों की रक्षा के लिए भेजा गया है। इसलिए हमें पक्षियों को जीवित रखने के लिए अपनी ओर से कुछ न कुछ प्रयास करना चाहिए।
३) पक्षियों और हमारे दिनचर्या में ज्यादा अंतर नहीं है। वह भी मेहनत करते हैं और हम भी।
पक्षी भी पूरा दिन कड़ी मेहनत करती है अपना और अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए।
फर्क सिर्फ यह है कि वह अपनी उड़ान स्वयं भरती है उन्मुक्त गगन में उड़ती है जो हम नहीं उड़ सकते हैं।
वहीं यदि हम आजाद होते हैं और स्वतंत्र अवस्था में भले ही हम पत्तल में खाते हैं तब भी हमें ऐसा प्रतीत होता है कि मानो हमें स्वर्ग जैसा भोजन प्राप्त हुआ है।
२) हां, हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होनि चाहिए क्योंकि हम मानव का जन्म समस्त जीवों की रक्षा के लिए भेजा गया है। इसलिए हमें पक्षियों को जीवित रखने के लिए अपनी ओर से कुछ न कुछ प्रयास करना चाहिए।
३) पक्षियों और हमारे दिनचर्या में ज्यादा अंतर नहीं है। वह भी मेहनत करते हैं और हम भी।
पक्षी भी पूरा दिन कड़ी मेहनत करती है अपना और अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए।
फर्क सिर्फ यह है कि वह अपनी उड़ान स्वयं भरती है उन्मुक्त गगन में उड़ती है जो हम नहीं उड़ सकते हैं।
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