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किसान का मनोगत इस विषय पर जानकारी लिखिए।
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किसान का मनोगत।
हमारी पाठशाला में एक बार किसान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हमारी पाठशाला की सभी विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को किसान लोगों से बातचीत करनी थी और उनके अनुभव को तथा खेती को प्रत्यक्ष रूप में सुनना ,समझना , और देखना था। हम हमारे सावंत सर के साथ किसानों के खेत में गए । वहा हमारी मुलाकात राम दास पाटिल नामक किसान से हुई। उन्होंने हमारा स्वागत किया और उनका मनोगत हमारे समक्ष व्यक्त किया ।
उनसे बातचीत करने पर हमें पता चला कि उनका परिवार बहुत बड़ा था पर उनके घर गरीबी थी । उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने बचपन से ही उनके पिताजी के साथ खेती करने शुरुआत की थी। इसके कारण वह पढ़ाई से अलिप्त रहे । खेत में काम करना, गाय भैंसों की देखभाल करना ,बेल गाड़ी चलाना यह सभी चीजें उन्हें बहुत पसंद आती थी ।
बारिश के पहले ही खेती का काम शुरू हो जाता था। पर बारिश की शुरुआत में खेती के सभी काम बढ़ जाते थे। किसानों के लिए बारिश दिवाली का त्यौहार जितना महत्वपूर्ण है। रामदास पाटील ने हमें यह बात बताएं कि अगर बारिश अच्छी हुई तो खेत में अच्छी फसल का उत्पादन होता है । अगर बारिश ज्यादा मात्रा में हुई तो कभी कबार खेत में उत्पन्न हुए अनाज का नुकसान भी हो जाता है। रामदास पाटील से हम यह बात पता चली कि खेती यह व्यवसाय संपूर्ण रूप से निसर्ग के ऊपर निर्भर है।
रामदास पाटील के अनुभव से हमें यह भी बात सीखने को मिली की खेती व्यवसाय है में किसान निस्वार्थ भावना से देश की सेवा के लिए अनाज का उत्पादन करता है और हमारे भारतवर्ष की सभी देशवासियों के लिए अनाज उगा कर उनका पालन पोषण करता है। कृषि उत्पादन को उचित मूल्य नहीं मिलता है, इससे किसान लोगों का बहुत नुकसान होता है। खेती के लिए लिया हुआ ब्याज चुकाया नहीं जा सकता है। इसके विपरीत, यह बढ़ता रहता है। इसके चलते कुछ किसान आत्महत्या भी कर लेते हैं।
रामदास पाटील ने हमें यह बात कही की इतनी मुश्किलों के बावजूद भी व खेती को पसंद करते हैं और खेत को अपनी कर्मभूमि मानते हैं और खुद को समाधानी समझते हैं।
उनका यह अनुभव सुनकर मेरे साथ सभी विद्यार्थियों को उनकी इस बात पर गर्व हुआ सभी विद्यार्थियों ने 'जय जवान जय किसान' का नारा लगाया |
हमें इस से पता चलता है कि किसान होना कोई आसान बात नहीं है । किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है किसान संपूर्ण रुप से सच्चा देशभक्त है और धरतीपुत्र है।इसलिए हमें किसानों का सम्मान करना चाहिए ।
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हम समझेंगे मोल तुम्हारा,
हे धरती पुत्र किसान तुमको
कोटि- कोटि प्रणाम हमारा,
हे धरती पुत्र किसान तुम इस देश की शान हो,
हमारे देश का अभिमान हो।
खुद भूखा रहकर तुमने हमारे पेट
भराए हैं,
तुम्हारे यह उपकार हम कभी भी भूल नहीं पाए हैं,
मुश्किलों का सामना कर -कर तुमने कठिन जीवन बिताया है,
हे धरतीपुत्र किसान इसलिए
तू सच्चा देशभक्त कहलाया है।
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कवि - ALEXANDER
लेखक -ALEXANDER
Answer:
हमारी पाठशाला में एक बार किसान दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। हमारी पाठशाला की सभी विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सभी विद्यार्थियों को किसान लोगों से बातचीत करनी थी और उनके अनुभव को तथा खेती को प्रत्यक्ष रूप में सुनना ,समझना , और देखना था। हम हमारे सावंत सर के साथ किसानों के खेत में गए । वहा हमारी मुलाकात राम दास पाटिल नामक किसान से हुई। उन्होंने हमारा स्वागत किया और उनका मनोगत हमारे समक्ष व्यक्त किया ।
उनसे बातचीत करने पर हमें पता चला कि उनका परिवार बहुत बड़ा था पर उनके घर गरीबी थी । उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने बचपन से ही उनके पिताजी के साथ खेती करने शुरुआत की थी। इसके कारण वह पढ़ाई से अलिप्त रहे । खेत में काम करना, गाय भैंसों की देखभाल करना ,बेल गाड़ी चलाना यह सभी चीजें उन्हें बहुत पसंद आती थी ।
बारिश के पहले ही खेती का काम शुरू हो जाता था। पर बारिश की शुरुआत में खेती के सभी काम बढ़ जाते थे। किसानों के लिए बारिश दिवाली का त्यौहार जितना महत्वपूर्ण है। रामदास पाटील ने हमें यह बात बताएं कि अगर बारिश अच्छी हुई तो खेत में अच्छी फसल का उत्पादन होता है । अगर बारिश ज्यादा मात्रा में हुई तो कभी कबार खेत में उत्पन्न हुए अनाज का नुकसान भी हो जाता है। रामदास पाटील से हम यह बात पता चली कि खेती यह व्यवसाय संपूर्ण रूप से निसर्ग के ऊपर निर्भर है।
रामदास पाटील के अनुभव से हमें यह भी बात सीखने को मिली की खेती व्यवसाय है में किसान निस्वार्थ भावना से देश की सेवा के लिए अनाज का उत्पादन करता है और हमारे भारतवर्ष की सभी देशवासियों के लिए अनाज उगा कर उनका पालन पोषण करता है। कृषि उत्पादन को उचित मूल्य नहीं मिलता है, इससे किसान लोगों का बहुत नुकसान होता है। खेती के लिए लिया हुआ ब्याज चुकाया नहीं जा सकता है। इसके विपरीत, यह बढ़ता रहता है। इसके चलते कुछ किसान आत्महत्या भी कर लेते हैं।
रामदास पाटील ने हमें यह बात कही की इतनी मुश्किलों के बावजूद भी व खेती को पसंद करते हैं और खेत को अपनी कर्मभूमि मानते हैं और खुद को समाधानी समझते हैं।
उनका यह अनुभव सुनकर मेरे साथ सभी विद्यार्थियों को उनकी इस बात पर गर्व हुआ सभी विद्यार्थियों ने 'जय जवान जय किसान' का नारा लगाया |
हमें इस से पता चलता है कि किसान होना कोई आसान बात नहीं है । किसानों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है किसान संपूर्ण रुप से सच्चा देशभक्त है और धरतीपुत्र है।इसलिए हमें किसानों का सम्मान करना चाहिए
मुझे उम्मीद है इससे आपको मदद मिली होगी