grah vigyan ke paanch vibhago ke naam or unke bare me ek line likhe
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ग्रह विज्ञानं के पांच विभाग -
आहार तथा पोषण - आहार प्राकृतिक या अप्राकृतिक रूप से प्राप्त भोज्य पदार्थ होता है। जैसे प्रकृति द्वारा प्राप्त अनाज दाल, सब्जी, फल, कन्द-मूल, दूध, शर्करा, तेल आदि तथा अप्राकृतिक भोजन जैसे माँस, मछली, अण्डा तथा अन्य प्राणियज पदार्थ। पोषण- आहार के पाचन शोषण तथा संग्रह के बाद शरीर के उसका सुक्ष्म रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा होता है। इन प्रक्रियाओं को हम पोषण कहते है।
संसाधन प्रबंधन - संसाधन प्रबंधन हमें काम की बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए प्रभावी और कुशल तरीके से हमारे लिए उपलब्ध संसाधनों के उचित उपयोग का एहसास करने में मदद करता है।संसाधन प्रबंधन एक विकसित क्षेत्र है, जो डिजाइन, विकास, इंटीरियर डिजाइन और सजावट, उद्यमशीलता और संस्थागत प्रबंधन में, परिवार एवं उपभोक्ता अध्ययन, आवास और अंतरिक्ष डिजाइन, ergonomics तक फैला है।
वस्त्र तथा सूत विज्ञान - सिलाई किट-बेबीफ्राक या कुर्ता, पायजामा या पेटीकोट उपलब्धि के अनुसार (हाथ की सिलाई अथवा मशीन की सिलाई द्वारा)। कपड़ों की धुलाई तथा रख-रखाव, धोने की विधियाँ और इस्तरी करना। कपड़ा क्षेत्र में और Merchadiser या डिजाइनर के रूप में
मानव विकास - सामाजिक कार्य और मानव विकास में , परिवार सलाहकारों के रूप में , अध्यापन के पेशे में ,वस्त्र, भोजन, पाक और मिष्ठान्न के क्षेत्र में, उद्यमियों के रूप में ।मानव अस्थि संस्थान तथा संधियाँ।हड्डियों की टूट और मोच। श्वसन तन्त्र का प्रारम्भिक ज्ञान। प्राकृतिक और कृत्रिक श्वसन क्रिया। घायल स्थानान्तरण हस्तआसन द्वारा। रोगी का स्पंज करना, गर्म सेंक-भपारा लेना, बर्फ की टोपी का प्रयोग। नाड़ी, श्वास गति और ताप का चार्ट बनाना।
शिक्षा तथा विस्तार -शिक्षिका द्वारा प्रति वर्ष बजट का प्रदर्शन।आय-व्यय और बचत, डाकखाना और बैंक के माध्यम से। घर की सफाई और सजावट। गृह गणित-दशमलव, जोड़ना, घटाना, गुणा तथा भाग (रुपया, पैसा, किलोग्राम, ग्राम, मीटर, सेन्टीमीटर के सन्दर्भ में) प्रतिशत, लाभ हानि तथा साधारण ब्याज पर सरल गणनायें।