granth hamare guru charcha kijiye tatha apane vichar likhiye
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गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, गुरु ही वह परम् ब्रह्म है जिससे मिलने के बाद हमारे जिंदगी की दिशा बदल जाती है।
हर इंसान के जीवन में गुरु रूपी ग्रंथ उसके माता-पिता होते हैं । जो उसे हर वक्त सही -गलत काम फर्क समझाते हैं। माता-पिता के सही दिशा ही हमें जीवन पथ पर चलना, बढ़ना सीखाते है और मुसीबत से लड़ने के लिए हिम्मत देते हैं।
माता-पिता के बाद स्कूल में हमारे शिक्षक हमारे गुरु बनते हैं जो हमारे व्यक्तित्व का विकास करते हैं। गुरु हमारे जीवन के टेढ़ा मेंढ़ा सांचे को अपने ज्ञान भंडार से ठीक करते हैं।
आध्यात्मिक ज्ञान के लिए महाभारत ,रामायण, गीता के उपदेश आदि सहायता करते हैं। किताब पढ़ने से नहीं बल्कि उन किताबों में लिखे अर्थ को यदि हम अपने जीवन में उतारते हैं तो हमें किसी और का अनुकरण करने की आवश्यकता नहीं।
ग्रंथ हमारे गुरु हैं | गुरु यांनी हमे ज्ञान देनेवाले | ग्रंथ हमारे जीवन को दिशा देते है | उनसे ही तो हमे ज्ञान प्राप्त होता है | जिससे हमें जीवन मे आगे बढने की दिशा मिलती है | इसी से ही तो हम जीवन मे आगे बढते है | ग्रंथ, किताबों को मान देना चाहिए, उनका आदर रखना चाहिए तो हमे ज्ञान की प्राप्ति होती है। हमे हमारे जीवन का अर्थ तथा कार्य वही तो बताते है । सच है ग्रंथ ही गुरु होते है । जो हमे ज्ञानदेते है।
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