granth rupi ratna ka samasth pad kya hai (1) ratnagranth (2)granth ratn (3)granth ratna (4)ratn rupa
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(i) ‘ग्रंथ रूपी रत्न’ का समस्तपद है
(क) रत्नग्रंथ
(ख) ग्रंथरत्न
(ग) ग्रंथ रत्ना
(घ) रत्न रूपा
इसका सही जवाब है :
(ख) ग्रंथरत्न
व्याख्या :
‘ग्रंथ रूपी रत्न’ : ग्रंथरत्न
ग्रंथरत्न में कर्मधारय समास होता है |
कर्मधारय समास= कर्मधारय समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है |
इसका उत्तरपद प्रधान होता है | विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में ‘के समान’ , ‘है जो’ , ‘रूपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है |
समस्तपद
'समास' शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है 'छोटा रूप'। अतः जब दो या दो से अधिक शब्द (पद) अपने बीच की विभक्तियों का लोप कर जो छोटा रूप बनाते है, उसे समास, सामाजिक शब्द या समस्त पद कहते है।
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