Hindi, asked by cbsmumbai, 4 months ago

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चतुराई के संबंधी कोई एक कहानी अपने शब्दों में लिखिए।​

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Answered by snehagoel10
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Answer:

एक बार की बात है रामपुर गांव में एक किसान के पास एक बकरी थी। उस बकरी के तीन बच्चे थे। वह अपने बच्चों का बहुत ख्याल रखती थी क्योंकि पास ही घना जंगल था।

जिसमें बहुत से जानवर थे। वह हमेशा अपने बच्चों के पास रहती थी। एक दिन बकरी के एक बच्चे ने किसान को और एक चारा लाने वाले को आपस में बात करते हुए सुन लिया। चारा लाने वाला किसान को बोला की जंगल में तो हर तरफ हरी घास है।

बकरी के बच्चे को इतनी सारी हरी घास देखनी थी। वह चुपचाप जंगल की और चल पड़ा। जब वह जंगल में पहुंचा तो उसको 4 जंगली कुत्ते मिल गए। वह उसको खाना चाहते हे। और आपस में बात करने लगे की आज तो बहुत अच्छा शिकार हाथ आया है।

बकरी ने देखा की उसका एक बच्चा वहाँ पर नहीं है तो वह भी उसको खोजते हुए जंगल की तरफ आ गयी और अपने बच्चे को जंगली कुत्तों से घिरा पाया। बकरी को देख कर जंगली कुत्ते और खुश हो गए और बोले आज तो पार्टी होगी।

बकरी चालाक थी उसने घबराए बिना जंगली कुत्तों को बोला की मै और मेरा बच्चा शेरराज की अमानत है। उनने हमें पकड़ा है। यदि तुम हम दोनों को खाओगे तो शेरराज बहुत गुस्सा करेंगे। जंगली कुत्ते ने बोला हम कैसे माने की तुम सच बोल हो।

बकरी ने बोला शेरराज ने हमारी निगरानी के लिए हाथी को यहाँ छोड़ कर गए है। हाथी वही था उसको देखकर जंगली कुत्ते मान गए की बकरी सच बोल रही है। अगर उनने बकरी को खाया तो हाथी शेरराज को बता देगा। इसलिए वह सब वहाँ से चले गए।

बकरी और उसका बच्चा जंगली कुत्तों के जाने के बाद वहाँ से चले गए। आगे जाने पर उनको शेर मिल गया। शेर ने कहा बहुत दिनों के बाद आज बकरी खाने को मिलेगी। शेर को देखकर बकरी बहुत डर गयी लेकिन हिम्मत करके बोली।

शेरराज हम दोनों को यहाँ शेरनी ने यहाँ पर पकड़ कर रख रखा है नहीं तो हम यहाँ पर क्यों होते। उसने हमको आपके लिए पकड़ा है। शेर ने बोला तुम झूठ बोल रही हो। बकरी बोली शेरनी ने हमारी निगरानी के लिए कौआ को यहाँ पर रख रखा है।

शेर ने देखा कौआ वही पर था और शेर के दहाड़ने के बावजूद भी उड़ नहीं रहा था। शेर ने बकरी की बात पर विश्वास करके उन दोनों को छोड़ दिया की शेरनी ने पकड़ा तो इनको मेरे लिए ही है। जब शेर चला गया तो बकरी और उसका बच्चा वहाँ से भाग गए।

आगे पहुंचने पर उनको शेरनी मिल गयी। शेरनी ने बोला आज शेरराज बहुत खुश हो जायेंगे। जब में बकरी का शिकार करके ले जाउंगी। बकरी शेरनी से बोली आप मेरा शिकार करने की सोच रही है शेर ने आज आपको खुश करने के लिए पहले ही हमें पकड़ रखा है। इसलिए हम यहाँ खड़े है।

शेरनी ने कहा तुम झूठ बोल रही हो। बकरी बोली उन्होंने हमारी निगरानी करने के लिए खरगोश को यहाँ पर छोड़ रखा है। ख़रगोश वहीं पास खड़ा था। शेरनी बोली शायद यह सच बोल रही है और चली गयी।

इसके बाद बकरी और उसका बच्चा जंगल से बाहर निकलकर किसान के घर पहुंच गए। बकरी के बाकि बच्चे अपनी माँ और अपने दूसरे भाई को देखकर खुश हुए। बकरी ने अपने बच्चों को कहा बच्चों हमें कभी भी मुसीबत में घबराना नहीं चाहिए और बुद्धिमानी से निर्णय लेना चाहिए।

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sneha ❤️

Answered by ronansingh1976
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Answer:

चालाक लोमड़ी

1 दिन की बात है एक बड़े से जंगल में एक लोमड़ी रहती थी मैं बहुत आलसी हूं उसे ऐसा काम करना पसंद था जिससे उसे ज्यादा काम भी ना करना पड़े और शिकार उसके पास खुद ही चलकर आए और उसका पेट भर जाए एक बार जंगल में उसने बहुत सारे चूहों का झुंड देखा उसे लगा कि अब वह अपनी चतुराई से उन सबको एक-एक करके खाएगा और उसे ज्यादा काम भी नहीं करना पड़ेगा उसने सन्यासी होने का ढोंग रचा और चूहों के बिल के आगे जाकर खड़ा हो गया चूहों ने उसे देखा तो वह एक पैर पर खड़ा होकर आंखें बंद करके सूरत के सामने खड़ा था उससे पूछा आप यह क्या कर रहे हैं उसने जवाब दिया मैं एक बहुत बड़ा सन्यासी हूं अगर मैंने अपने दोनों पैर नीचे रख दिए तो दुनिया खत्म हो जाएगी चूहों ने उसक है उसके पास जाकर बैठ गए और उससे पूछा कि गुरुजी क्या हम भी आपका साथ दे सकते हैं क्योंकि इस पृथ्वी में हम भी रहते हैं लोमड़ी ने जवाब दिया बिल्कुल अगर हम सब साथ देंगे तो शायद मेरे परिश्रम जल्दी खत्म हो जाए उसके पास जाकर बैठ जाते हैं और ढोलक मंजीरा और हाथों से तालियां बजाने लगते हैं जैसे ही शाम होकर चूहे अंदर जाते हैं उस समय लोमड़ी उनके 12 चूहों को खा जाता है ऐसे ही चलता रहा अब चूहों के सदा ने देखा कि हमारे चूहों की संख्या कम होती जा रही है कहीं इसके पीछे तो हक नहीं चूहों के समय दाने लोमड़ी की जासूसी करना शुरू कर दिया अबे उस पर नजर रखता था जब लोमड़ी को यह बात पता चली तब उसने सोचा कि कहीं इसका सरदार सबको यह बात ना बता दें इसलिए उसने सोचा कि सबसे पहले मैं ऐसे ही खा जाता हूं जब चूहों ने यह बात उसके सरदार के मुख से सुनी तो उन्होंने एक योजना बनाई अगले दिन चूहों का सरदार अंत में रुका तभी लोमड़ी ने आक्रामक होकर उस पर हमला कर दिया तभी सारे चूहे घटा होकर बाहर आए और लोमडी पर हमला कर दिया और सब होने को मार गिराया

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