GST ko Lekar dubaipadi ke beech samvad likhiye in Hindi
Answers
जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए उठाया गया बड़ा कदम हैं| जानकारी की आभाव से बहोत सारे लोग इसका तिरस्कार भी कर रहें हैं| यह एक दूरदर्शी फैसला है, इससे अर्तव्यवस्थाको अभी कुछ साल शायद थोड़ी तखलीफ होगी, पर यह भविष्य में यह अपना असर दिखायेगा| क्या आप जानते हैं की उद्योजक, उत्पादक, डिस्ट्रब्यूटर, व्होलसेलर, रिटेलर की सबसे बड़ी परेशानी क्या होती हैं? कर, टैक्स, जी हाँ , भारत के पुराणे कर सिस्टम में बहोत सारे कर थे, जैसे वैट, सेल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट टैक्स और बहोत सारे| जीएसटी ने इस उलझन से राहत दी है, अब बस एक ही कर होगा, और उसे जीएसटी कहाँ जाएगा|
वस्तु एवं सेवा कर या माल एवं सेवा कर (अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax, (गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स), संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू होने वाली एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है! इससे केन्द्र एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की जाएगी जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिलेगी। भारतीय संविधान में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन किया गया है।
1 जुलाई 2017 से पूर्व किसी भी सामान पर केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई तरह के अलग-अलग कर लगाती हैं लेकिन जीएसटी आने से सभी तरह के सामानों पर एक जैसा ही कर लगाया जाएगा पूर्व मे किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रुप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा | फिलहाल भारतवासी 17 अलग-अलग तरह के कर चुकाते हैं जबकि जीएसटी लागू होने के बाद केवल एक ही तरह का कर दिया जाएगा इसके लागु होते ही एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी कर जैसे बहुत सारे कर खत्म हो जाएंगे|
जीएसटी लागू होने के बाद किसी भी सामान और सेवा पर कर वह लगेगा जहां वह बिकेगा | जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, सर्विस कर इत्यादि की जगह अब केवल जीएसटी लगेगा | जीएसटी परिषद ने 66 तरह के प्रोडक्ट्स पर टैक्स की दरें घटाई हैं |