guru tag bhadur topic in hindi
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गुरू तेग बहादुर सिखों के नवें गुरु थे जिन्होने प्रथम गुरु नानक द्वारा बताए गये मार्ग का अनुसरण करते रहे। उनके द्वारा रचित ११५ पद्य गुरु ग्रन्थ साहिब में सम्मिलित हैं। उन्होने काश्मीरी पण्डितों तथा अन्य हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाने का विरोध किया। ... गुरु तेग़ बहादुर जी का जन्म पंजाब के अमृतसर नगर में हुआ था।
☞︎︎︎ गुरु तेग बहादुर ☜︎︎︎
भारत का इतिहास ऐसे कई महापुरुषों की वीरता और कहानियों और बलिदानों के गाथा से भरा हुआ है। ऐसे महापुरुषों के यादों से हमें हमेशा इस देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिलती है। अपने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देना तो सब का फर्ज है लेकिन दूसरे की आस्था की रक्षा के लिए बलिदान देना केवल गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान की कहानी है।
गुरु तेग बहादुर जी एक मात्र मिसाल है जिन्होंने दूसरे की आस्था की रक्षा के लिए अपनी जान गवा दी। इस पोस्ट में गुरु तेग बहादुर जी से जुड़ी कुछ विशेष बातों पर प्रकाश डालेंगे।
सिखों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव के बनाए गए मार्ग का अनुसरण करने वाले गुरु तेग बहादुर सिखों के नौवें गुरु थे। इन्होंने 115 ग्रंथों की रचना की है। जब कश्मीरी पंडितों और अन्य हिंदुओं को जबरदस्ती मुसलमान बनाया जा रहा था तब गुरु तेग बहादुर ने इसका विरोध किया। 1675 ईस्वी में मुगल शासक औरंगजेब के सामने इनका सर कटवा दिया गया क्योंकि इन्होंने इस्लाम स्वीकार नहीं किया।
गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब वह स्थान है जहां गुरु तेग बहादुर जी की हत्या की गई थी। यह स्थान उनकी याद दिलाते हैं। इन्होंने धर्म और मानवीय मूल्य, आदर्शों एवं संस्कृति के प्रति अपने प्राणों की आहुति दे दी।
सधन्यवाद ।।