Hindi, asked by Ziko4035, 4 months ago

gurubani kavita ka rasaswadan

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Answered by meenakshi591
12

Answer:

कवि रूप में गुरु जी ने कविता की रचना की है। जिसमें से ९४७ श्लोक / शब्द श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में अंकित हैं। यह अति उत्तम कविता रूपी वाणी, छंद-बद्ध काव्य रसों के साथ परिपूर्ण है और संगीतमई है। इस मनोहर वाणी का रसास्वादन करने हेतु सभी 'गुरु नानक नाम लेवा' को संगीत और काव्य शास्त्र का ज्ञान होना अत्यावश्यक है।

Answered by khushidas93
4
Answer ::


गुरु नानक का कहना है कि बिना गुरु के मनुष्य को ज्ञान नहीं मिलता। मनुष्य के अंतःकरण में अनेक प्रकार के मनोविकार होते हैं, जिनके वशीभूत होने के कारण उसे वास्तविकता के दर्शन नहीं होते। वह अहंकार में डूबा रहता है और उसमें गलत-सही का विवेक नहीं रह जाता। ये मनोविकार दूर होता है गुरु से ज्ञान प्राप्त होने पर। यदि गुरु के प्रति सच्ची श्रद्धा और उनमें पूरा विश्वास हो तो मनुष्य के अंतःकरण के इन विकारों को दूर होने में समय नहीं लगता। मन के विकार दूर हो जाने पर मनुष्य में सबको समान दृष्टि से देखने की भावना उत्पन्न हो जाती है। उसके लिए कोई बड़ा या छोटा अथवा ऊँच-नीच नहीं रह जाता। उसे मनुष्य में ईश्वर के दर्शन होने लगते हैं। उसके लिए ईश्वर की भक्ति भी सुगम हो जाती है। गुरु नानक ने अपने पदों में इस बात को सरल ढंग से कहा है।

इस तरह गुरु के प्रति सच्ची निष्ठा और भक्ति-भावना से मनुष्य श्रेष्ठ मानव बन जाता है ।
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