gurutvakarshan बाल chumbakiya kshetra aor bhokampiya gatividhi पृथ्वी की aantrik sanrachna ko samajhne मुझे kaise madad करती hai
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पृथ्वी की आंतरिक परिस्थितियों के कारण उसकी आंतरिक संरचना का सटीक अध्ययन संभव नहीं है परंतु प्रत्यक्ष (धरातलीय या खनन से प्राप्त चट्टान और ज्वालामुखी उद्गार) और अप्रत्यक्ष स्रोतों (उल्काएँ, गुरुत्वाकर्षण, चुम्बकीय क्षेत्र एवं भूकंप संबंधी क्रियाएँ) के आधार पर वैज्ञानिकों ने एक अनुमान प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। वर्तमान में भूकंपीय तरंगों के आधार पर आंतरिक संरचना के विवरण को अधिक मान्यता प्राप्त है।
भूकंपीय तरंगें ठोस, द्रव और गैस में भिन्न-भिन्न प्रवृत्ति दर्शाती हैं। प्राथमिक तरंगें जहाँ ठोस, द्रव और गैस तीनाें में विचरित होती हैं, वहीं द्वितीयक तरंगें केवल ठोस में संचरित हो सकती हैं। इसके अलावा घनत्व में अंतर के कारण भी इनकी गति परिवर्तित हो जाती है।
earth aantrik sanrachana
इन्हीं विशिष्टताओं के आधार पर पृथ्वी की आंतरिक संरचना को तीन वृहत् मंडलों- क्रस्ट, मैंटल तथा कोर में विभाजित किया गया है तथा भूकंप की गति में अंतर के आधार पर इन तीनों प्रमुख मंडलों के उपविभाग किये गए हैं।
S-P Waves
पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत से लेकर बाह्य क्रोड की सीमा (2900 किमी.) तक तरंगों (p और s) की गति के आधार पर पृथ्वी के अंतरतम को दो भागों- ऊपरी मैंटल एवं निम्न मैंटल में विभाजित किया गया है। पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत में p और s तरंगों की गति क्रमश: 5.4 किमी./से. तथा 3.3 किमी./से. है, जबकि निचली परत में p और s तरंगों की गति क्रमश: 7.8 किमी./से. तथा 4.35 किमी./से. है। इन दो परतों के मध्य भूकंपीय तरंगों में अंतर के कारण मध्यवर्ती परत का अनुमान लगाया जाता है जो 700 किमी. की गहराई पर है। तरंगों की गति से पता चलता है कि 200 से 700 किमी. की गहराई तक ऊपरी परत की चट्टानें ग्रेनाइट की बनी हैं तथा मध्यवर्ती परत में आग्नेय एवं रूपांतरित शैलें हैं, जबकि निचली परत अधिक घनत्व वाली डूनाइट और पेरिडोटाइट से बनी है। पृथ्वी के बाह्य कोर में p और s तरंगों की गति क्रमश: 13 किमी./से. एवं 9 किमी./से. होती है, जिससे यह पता चलता है कि यह सर्वाधिक धनत्व वाली चट्टानों से बना है। पृथ्वी के अंतरतम में s तरंगें लुप्त हो जाती हैं, जिससे यह पता चलता है कि यह तरल पदार्थ से बना है परंतु p तरंगों की गति के कारण यह अनुमान लगाया जाता है कि यह तरल भाग लोहा और निकल जैसे अधिक घनत्व वाले पदार्थों से निर्मित है।
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