English, asked by revengetaker41, 4 months ago

guys please explain the poem​

Attachments:

Answers

Answered by purvataori
2

Answer:

कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ,

जिससे उथल-पुथल मच जाए,

एक हिलोर इधर से आए,

एक हिलोर उधर से आए।

सावधान! मेरी वीणा में,

चिनगारियाँ आन बैठी हैं,

टूटी हैं मिजराबें, अंगुलियाँ

दोनों मेरी ऐंठी हैं।

कंठ रुका है महानाश का

मारक गीत रुद्ध होता है,

आग लगेगी क्षण में, हृत्तल

में अब क्षुब्ध युद्ध होता है।

झाड़ और झंखाड़ दग्ध हैं –

इस ज्वलंत गायन के स्वर से

रुद्ध गीत की क्रुद्ध तान है

निकली मेरे अंतरतर से।

कण-कण में है व्याप्त वही स्वर

रोम-रोम गाता है वह ध्वनि,

वही तान गाती रहती है,

कालकूट फणि की चिंतामणि।  

आज देख आया हूँ – जीवन

के सब राज़ समझ आया हूँ,

भ्रू-विलास में महानाश के

पोषक सूत्र परख आया हूँ।

Explanation:

कवि बालकृष्ण शर्मा नवीन ने अपनी इस कविता में लोगों से सामाजिक बुराईयों और पाखंडों की ज़ंजीरें तोड़कर प्रगति के मार्ग पर बढ़ने का आह्वान किया है। वो कहते हैं कि अब तुम शांति के गीत गाना छोड़ो और क्रांति की तान सुनाओ ताकि बुराईयों और बुरे लोगों में हलचल मच जाए। कवि ने इस कविता के जरिए समाज को एक महान बदलाव करने का संदेश दिया है।  

कवि मानते हैं कि पुराने कुविचारों और पाखंडों का अंत करके ही हम एक नए और स्वच्छ समाज की नींव रख पाएंगे। इसीलिए कवि ने विप्लव गायन कविता में हम सभी से एक क्रांति लाने का अनुरोध किया है, ताकि एक बेहतर समाज बनाया जा सके।

Similar questions