Hindi, asked by Bijli1Dev, 6 months ago

GUYS PLEASE TELL ME SUMMARY OF THE CHAPTER GIRGIT CLASS 10TH sparsh plz​

Answers

Answered by sohanirazz1434
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Answer:

The story of ' Girgit ' is composed by the Russian author Anton Chekhov. ... In which he has lampoon the political situation of the time. How the policemen plundering extensive officers misuse the overall population, it is depicted in an exceptionally delightful manner.

Explanation:

Answered by Anonymous
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Answer:

Author Intro - लेखक परिचय

लेखक - अंतोन चेखव

जन्म - 1860 (दक्षिणी रूस, तगनोर नगर)

मृत्यु - 1904

- पाठ सार

प्रस्तुत पाठ की कहानी में रूस के महान लेखक ने एक ऐसी घटना का वर्णन किया है जब रूस में जार की उपाधि धारक राजाओं के शासन में वहाँ की शासन व्यवस्था चापलूसों के भरोसे चल रही थी।वहाँ पर हालत इतने ख़राब थे कि वहाँ के अधिकारी कानून के या आम आदमी की ऐसी शिकायत पर भी सही फ़ैसला नहीं कर पाते थे जिसमें दोषी कोई आदमी नहीं बल्कि कोई खतरनाक कुत्ता ही हो।

पुलिस इंसपेक्टर ओचुमेलॉव दूसरों से हथियायी बेर की एक किस्म झरबेरियाँ की एक टोकरी को ले कर चौराहे से गुजर रहा था। तो अचानक उसके कानों में कुछ शोर सुनाई पड़ा। ओचुमेलॉव मुड़ा और भीड़ की ओर चल पड़ा। उसने देखा कि एक कुत्ता तीन टाँगों पर रेंगता हुआ आ रहा था वह इसलिए रेंग रहा था क्योंकि एक आदमी ने गिरते-पड़ते किसी तरह से उस कुत्ते की एक टाँग को पकड़ लिया था। वह आदमी अपना दायाँ हाथ ऊपर हवा में उठा कर खड़ा था और वहाँ पर मौजूद लोगों को अपनी खून से लतपथ ऊँगली को दिखा रहा था। ओचुमेलॉव ने उस आदमी को पहचान लिया। वह ख्यूक्रिन नाम का सुनार था । उस भीड़ के बीचोंबीच अपनी अगली टाँगों को फैलाए हुए, नुकीले मुँह वाला और पीठ पर फैले हुए पीले दाग वाला, सफ़ेद रंग का बारजोई नामक प्रजाति का कुत्ता ऊपर से नीचे तक काँप रहा था और अपराधी की तरह नज़र आ रहा था। घटना के बारे में पूछने पर उस आदमी ने बताया कि वह तो चुपचाप अपने रस्ते पर चल रहा था। इतने में अचानक इस कमअक्ल कुत्ते ने बिना किसी कारण के ही उसकी ऊँगली को काट लिया। ख्यूक्रिन की बात सुन कर ओचुमेलॉव कुत्ते के बारे में पूछता है कि वह कुत्ता है किसका। वह इस मामले को छोड़ेगा नहीं। वह उस कमअक्ल आदमी को इतना जुर्माना लगाएगा कि उसको पता चल जयेगा कि कुत्तों और जानवरों को इस तरह कही भी फालतू खुला छोड़ देने का क्या परिणाम हो सकता है। वह अपने सिपाही से पता लगाने को कहता है कि वह पिल्ला किसका है और इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर के बिना देरी किए, कुत्ते को मार देने को कह देता है। इतने में भीड़ में से कोई कहता है कि लगता है ये कुत्ता जनरल झिगालॉव का है। ये सुन कर ओचुमेलॉव हड़बड़ा जाता है क्योंकि उसने कुत्ते को मरवाने का आदेश दे दिया था। वह ख्यूक्रिन की तरफ़ मुड़ता है और उससे कहने लगा कि उसको ये बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर इस कुत्ते ने उसे कैसे काट लिया। ये उसकी ऊँगली तक आखिर पहुंचा कैसे। ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को ही कोसते हुए कहता है कि जरूर उसकी ऊँगली में कील इत्यादि लग गई होगी और उसने अचानक ही सोच लिया होगा कि चोट का पूरा इल्जाम कुत्ते पर डाला जाए ताकि उस कुत्ते के मालिक पर दबाव डालकर पैसे वसूल कर सके। सिपाही ध्यान से कुत्ते को देख कर कहता है कि वो कुत्ता जनरल साहब का नहीं है क्योंकि जनरल साहब के पास तो ऐसा कोई कुत्ता नहीं है। जब सिपाही कहता है कि उसे एकदम पक्का विश्वास है कि वो कुत्ता जनरल साहब का नहीं है, तब ओचुमेलॉव फिर से ख्यूक्रिन की ओर हो जाता है और कहता है कि इस कुत्ते ने उसे काटा है तो एक बात को याद रखना है कि इस कुत्ते को किसी भी हालत में छोड़ना नहीं है। इसे हर हालात में मज़ा चखाना ही है। सिपाही फिर से सोचते हुए बोला कि शायद यह जनरल साहब का ही कुत्ता है। कल ही उसने बिलकुल इसी तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था। अब ओचुमेलॉव जानता था कि वह बहुत बार अपनी राय को बदल चूका था इसलिए अब उसने कहा की उस कुत्ते को जरनल साहब के पास ले जाया जाए और अब उन्हीं से पूछा जाए की क्या वह कुत्ता उनका है या नहीं। जब उस कुत्ते के बारे में कोई ठीक से नहीं बता पा रहा था तब ओचुमेलॉव को जनरल साहब के घर में खाना बनाने वाला दिखाई देता है, वह उसको बुलाता है और उससे पता करने की कोशिश करता है। पर बावर्ची मना करते हुए कहता है कि उसने अपनी पूरी ज़िन्दगी में इस तरह के कुत्ते को जरनल साहब के घर में नहीं देखा है। यह सब सुनकर ओचुमेलॉव कहता है की अब और ज्यादा जानने की जरुरत नहीं है। वह कुत्ता फालतू है, अब इस कुत्ते को मार कर सारी घटना को ही ख़त्म कर देना चाहिए। इस पर बावर्ची प्रोखोर कहता है कि यह कुत्ता जनरल साहब का नहीं है, परन्तु यह उनके भाई का है। जब ओचुमेलॉव को पता चला की जनरल का भाई आया है तो ओचुमेलॉव बावर्ची से कहता है कि थोड़ा सोच कर देखो कि जनरल साहब के भाई साहब जनरल साहब से मिलने आए हैं और वह इतना भी नहीं जनता। और ये कुत्ता उनका है। ये जान कर बहुत ख़ुशी हुई, ले जाइए इसे, ये तो बहुत ही सूंदर कुत्ता है। प्रोखोर कुत्ते को सँभालकर काठगोदाम से बाहर चला जाता है और भीड़ ख्यूक्रिन की हालत पर हँसने लगती है। ओचुमेलॉव ख्यूक्रिन को डराते हुए कहता है की वह उससे बाद में निपटेगा और अपने लम्बे चोगे को शरीर पर डालता हुआ, बाजार के उस चैराहे को पार करता हुआ अपने रास्ते पर निकल जाता है।

बार-बार अपनी बात से पलटने और बड़े अधिकारियों के कुत्ते तक की सिफ़ारिश करने कारण इस पाठ का नाम गिरगिट रखा गया है। और ऐसी शासन व्यवस्था के लिए ही कवि तुलसीदास ने कहा होगा 'समरथ को नहिं दोष गुसाई' अर्थात समर्थवान लोगों का कोई दोष नहीं होता।

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